आतंकी अब्दुल करीम टुंडा पर करनाल कोर्ट में जानलेवा हमला
कोर्ट ने तीन अलग-अगल धाराओं के तहत टुंडा पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया था।
नई दिल्ली। हरियाणा के सोनीपत में 1996 में हुए बम धमाकों के मामले में सजा काट रहे आतंकी आतंकी अब्दुल करीम टुंडा पर करनाल कोर्ट में जानलेवा हमला हुआ। ये हमला तब हुआ जब आतंकी अब्दुल करीम टुंडा हत्या के एक मामले में गवाही देने आया था। तभी एक युवक ने उस पर हमला कर दिया। टुंडा पर हमला करने वाला युवक भी हत्या के मामले का आरोपी है। आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीन अलग-अगल धाराओं के तहत टुंडा पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया था।
बम
बनाने
में
माहिर
है
टुंडा
अब्दुल
करीब
टुंडा
कैप्सूल
बम
बनाने
में
माहिर
है।
टुंडा
के
दाऊद
इब्राहिम,
हाफिज
सईद,
खालिस्तानी
आतंकी
कश्मीरा
सिंह,
बब्बर
खालसा
के
चीफ
वधावा
सिंह
जैसे
खूंखार
और
इंटरनेशनल
आतंकियों
से
संबंधों
की
बात
सामने
आई
है।
अब्दुल
करीम
के
नाम
के
साथ
कैसे
जुड़ा
टुंडा
बताया
जाता
है
कि
बांग्लादेश
में
बम
बनाने
के
दौरान
ब्लास्ट
हो
गया
जिसमें
उसका
बायां
हाथ
उड़
गया।
इसके
बाद
उसे
टुंडा
के
नाम
से
लोग
बुलाने
लगे।
वह
देसी
तकनीक
से
बम
बनाना
सिखाता
था।
लश्कर
ए
तैयबा
जैसे
आतंकी
संगठनों
में
उसकी
भारी
डिमांड
थी।
वह
1985
में
आईएसआई
से
ट्रेनिंग
ले
चुका
था।
पिलखुवा का रहनेवाला है टुंडा
टुंडा का जन्म पुरानी दिल्ली में 1943 में हुआ था। बाद में उसके पिता ने पुरानी दिल्ली छोड़ दी और पिलखुवा में जाकर बस गए। बताया जाता है कि टुंडा की हरकतों की वजह से उनको दिल्ली छोड़नी पड़ी। दिल्ली में उस पर पहला केस चोरी का दर्ज हुआ था। दिल्ली, गाजियाबाद समेत देश के कई इलाकों में उस पर कई केस दर्ज हैं।
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