चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेस नेताओं से आज आमने-सामने बात करेंगी सोनिया गांधी
कांग्रेस नेताओं से बात कर सोनिया गांधी मानसून सत्र को लेकर रणनीति तय करेंगी।
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी आज पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति तय करेंगी। 14 सितंबर से शुरू हो रहे मानसून सत्र को लेकर बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, एके एंटनी, अहमद पटेल, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश, मणिकम टैगोर और रवनीत सिंह बिट्टू शामिल होंगे। एक तरह से सोनिया गांधी आज उन नेताओं से भी फेस-टू-फेस बात करेंगी, जिन्होंने पिछले दिनों नेतृत्व को लेकर चिट्ठी लिखी थी।
मानसून सत्र में उठाए जा सकते हैं ये मुद्दे
बैठक के दौरान संसद के मानसून सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें लद्दाख में चीन के साथ बना तनाव, भाजपा और फेसबुक की कथित सांठगांठ, कोरोना वायरस महामारी को लेकर सरकार के इंतजाम, आर्थिक संकट और जीडीपी में गिरावट, राज्यों के जीएसटी का मुद्दा, नौकरियों का संकट और किसानों की हालत का मुद्दा शामिल है। माना जा रहा है कि कांग्रेस संसद में पीएम केयर्स फंड को लेकर भी चर्चा की मांग कर सकती है। इसके अलावा कांग्रेस 32 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने और रेलवे व हवाई अड्डों को निजी कंपनियों को सौंपने का मुद्दा उठाएगी।
चिट्ठी लिखने वाले नेताओं से रूबरू होंगे सोनिया-राहुल
इसके अलावा कांग्रेस की बैठक में पी. चिदंबरम के नेतृत्व वाली कमेटी की उस रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी, जो मानसून सत्र में सरकार की तरफ से लाए जाने वाले 11 अध्यादेशों पर कांग्रेस पार्टी के रूख को लेकर सौंपी गई है। 24 अगस्त को बुलाई गई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद यह पहली बार होगा जब पार्टी में नेतृत्व को लेकर सवाल उठाने संबंधी चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं में से कुछ का सोनिया गांधी और राहुल गांधी से आमना-सामना होगा।
मानसून सत्र को लेकर कांग्रेस बुलाएगी विपक्षी दलों की बैठक
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि देश के सामने खड़े सभी अहम मुद्दों को लेकर संसद में एकजुटता दिखाने के लिए पार्टी समान विचारधारा वाले अन्य दलों से भी बात करेगी। इसे लेकर कांग्रेस हफ्ते के अंत में विपक्षी दलों की एक बैठक बुला सकती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष के नेता सरकार को घेरने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर मुद्दे उठाने के लिए तैयार हैं। हाल ही में जीएसटी के मुद्दे और एनईईटी-जेईई परीक्षाओं को लेकर बुलाई गई गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन इसपर अपनी सहमति भी जताई।
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