केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के काम को सोनिया गांधी ने सराहा, खड़गे ने भी थपथपाई मेज
नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के काम की जमकर तारीफ हुई। सोनिया गांधी ने भी इस दौरान मेज थपथपाकर अपना समर्थन जताया। यह सब उस समय देखने को मिला जब सदन में प्रश्नकाल के दौरान सड़क परिवहन मंत्री गडकरी भारतमाला परियोजना दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और चारधाम परियोजना से संबंधित सवालों के जवाब दे रहे थे। यही नही पूरक प्रश्न पूछने वाले भाजपा, शिवसेना और कांग्रेस समेत बाकी दलों के सांसदों ने भी सड़क, राजमार्ग के क्षेत्र में देश में हुए कामकाज के लिए गडकरी की प्रशंसा भी की।
गडकरी बोले- हर पार्टी के सांसद कहते हैं कि उनके क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है
वहीं गडकरी ने अपने उत्तर के दौरान कहा कि मेरी यह विशेषता है कि मैं इसके लिए खुद को भाग्यवान समझता हूं कि हर पार्टी के सांसद कहते हैं कि उनके क्षेत्र में अच्छा काम हुआ है। जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे नितिन गडकरी ने उत्तराखंड के चार धामों को जोड़ने वाली परियोजना से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए गंगा का जिक्र भी किया और कहा कि प्रयाग में पहली बार गंगा इतनी निर्मल और अविरल दिखी हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष सुमीत्रा महाजन से कहा कि कि आप एक बार जाकर देखिए कि गंगा के लिए कितना काम हुआ है। जिस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमीत्रा महाजन ने कहा कि काम हुआ है और हमारा आशीर्वाद आपके साथ हैं।
सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने थपथपाई मेजें
इसके बाद भाजपा से सांसद गणेश सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि गडकरी ने देश में इतना काम किया है उसलिए उनके लिए सदन को धन्यवाद प्रस्ताव पारित करना चाहिए। जिसके बाद बीजेपी सांसदों ने मेज थपथपाकर गडकरी के कामों की प्रशंसा की। इसी दौरान सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कुछ विपक्षी सांसदों ने भी मेजें थपथपाकर अपना समर्थन जताया।
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राहुल ने नितिन गडकरी को बताया था साहसी नेता
बता दें कि कुछ समय पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नितिन गडकरी को लेकर एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने सिर्फ नितिन गडकरी ऐसे नेता हैं जिनमें साहस हैं। राहुल गांधी ने नितिन गडकरी से कहा था कि वो चाहते हैं कि तीन और मुद्दों पर बोलने का साहस दिखाएं। राहुल गांधी ने वो तीन मुद्दे भी बताए थे जिसमें राफेल डील, किसानों की समस्या और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किए जाने के मुद्दे पर बोलने का साहस दिखाने का आग्रह किया था।