महाराष्ट्र में सत्ता की चाभी सोनिया गांधी के पास, ऐसे बदला 'गेम'
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने से इनकार करने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को न्योता दिया है। दूसरे सबसे बड़े के रूप में उभरकर सामने आई शिवसेना के पास 56 विधायक हैं और उनके पास सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा (145) नहीं है, ऐसे में शिवसेना को शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस वाले गठबंधन से उम्मीदें हैं। फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्मूले की शिवसेना की मांग को बीजेपी ने मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद दोनों दल मिलकर सरकार बनाने के लिए किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। अब राज्य में शिवसेना को सरकार बनाने का ऑफर मिला है हालांकि, बदले राजनीतिक समीकरणों के बीच सत्ता की चाभी सोनिया गांधी के हाथों में दिखाई दे रही है।
शिवसेना को मिला है सरकार बनाने का न्योता
दरअसल, बीजेपी के इनकार करने के बाद शिवसेना को सरकार बनाने के लिए एनसीपी-कांग्रेस के विधायकों के समर्थन की दरकार है। एनसीपी के पास 54 जबकि कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। इन तीनों दलों के साथ आने पर विधायकों की कुल संख्या 154 हो सकती है। शिवसेना कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा करती रही है। इस स्थिति में आसानी से ये बहुमत के आंकड़े को पार सकते हैं। हालांकि, शिवसेना की महाराष्ट्र में सरकार बनाने की सारी उम्मीदें अब सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई उस बैठक पर टिकी हैं जिसमें महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता भी मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस-एनसीपी के सहारे शिवसेना
कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि कि हाईकमान ही शिवसेना को समर्थन देने के फैसले पर कोई निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने हमें विपक्ष में रहने का फैसला दिया है और यही मौजूदा स्थिति है। जबकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनिया गांधी के करीबी अहमद पटेल ने कहा कि अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी कहा कि नई सरकार के गठन को लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इधर, कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं के इन बयानों के बाद शिवेसना की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। संजय राउत पहले ही कह चुके हैं कि सरकार बनाने के लिए शिवसेना को बीजेपी के मुकाबले कम वक्त दिया गया है।
महाराष्ट्र के नेताओं की सोनिया गांधी के साथ होगी बैठक
बढ़ी हुई सियासी हलचल के बीच, एनसीपी और कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयानों से संकेत यही मिल रहे हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर जो भी निर्णय होगा, वह सोनिया गांधी द्वारा राज्य के कांग्रेस नेताओं के साथ होने वाली बैठक के बाद ही लिया जाएगा। सोनिया गांधी के साथ महाराष्ट्र के नेताओं की बैठक शाम 4 बजे होनी है। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ने पार्टी के 6 शीर्ष नेताओं को दिल्ली तलब किया है। जबकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में कांग्रेस के 44 विधायकों में से 7 विधायक शिवसेना के साथ सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है।
शाम 4 बजे के बाद हो सकती है तस्वीर साफ
महाराष्ट्र में जारी उथल-पुथल के बीच शरद पवार ने सोमवार को एनसीपी की कोर ग्रप की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में राज्य के राजनीतिक हालात और सरकार बनाने की संभावनाओं पर बात हुई। कोर ग्रुप की बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि वे कांग्रेस के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना था कि एनसीपी और कांग्रेस ने साथ में चुनाव लड़ा है। ऐसे में जो भी फैसला होगा वो साथ में ही लिया जाएगा। फिलहाल, महाराष्ट्र में शिवसेना को एनसीपी-कांग्रेस का साथ मिलेगा या नहीं, इसको लेकर तस्वीर शाम 4 बजे के बाद ही साफ हो पाएगी।
शिवसेना के अरविंद सावंत का इस्तीफा
वहीं, महाराष्ट्र में जारी घमासान के बीच शिवसेना की तरफ से बड़ा फैसला लिया गया। एनडीए सरकार में शिवसेना की तरफ से मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया। केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद शिवसेना कोटे से अरविंद सावंत मंत्री बने थे। लेकिन महाराष्ट्र में जारी उठापटक के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे एनसीपी की शर्त से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने शिवसेना से कहा था कि अगर सरकार बनाने के लिए समर्थन चाहिए तो शिवसेना को केंद्र में एनडीए से नाता तोड़ना होगा, साथ ही अपने मंत्री से इस्तीफा देने को कहना होगा। हालांकि, शरद पवार ने अरविंद सावंत के इस्तीफे पर कहा कि इसको लेकर उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। वे कांग्रेस के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कोई फैसला लेंगे।