Arnab Whatsapp Leak: राष्ट्रवाद-देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने वाले बेनकाब हुए: सोनिया गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर अर्नब गोस्वामी के व्हाट्सएप चैट लीक पर हमला बोला है। सोनिया गांधी ने कहा कि टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी का बालाकोट एयर स्ट्राइक पर जो व्हाट्सएप चैट लीक हुआ है, उसपर सरकार की चुप्पी शोर मचा रही है। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया देश की सुरक्षा के साथ समझौता हुआ है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में बोलते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हाल ही में जिस तरह से देश की सुरक्षा के साथ समझौता हुआ है वह बहुत ही चिंता का विषय है। मुझे लगता है कि कुछ दिन पहले एंटनी जी ने कहा था कि देश की सेना के आधिकारिक मैसेज को लीक करना गद्दारी है। लेकिन बावजूद इसके जो चैट लीक हुई है उसपर केंद्र सरकार की चुप्पी शोर मचा रही है।
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सोनिया गांधी ने कहा कि जो लोग राष्ट्रवाद और देशभक्ति के सर्टिफिकेट देते थे आज वो पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। बता दें कि मुंबई पुलिस ने हाल ही में कोर्ट में टीआरपी स्कैम को लेकर जो चार्जशीट दायर की है उसमे व्हाट्सएप पर लीक हुए मैसेज को भी दायर किया गया है। यह लीक रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी और रेटिंग एजेंसी बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच है। लीक मैसेज में बालाकोट स्ट्राइक के तीन दिन पहले गोस्वामी कहते हैं कि कुछ बड़ा होने वाला है, जोकि सामान्य स्ट्राइक से भी बड़ा होगा। सरकार इस तरह से हमला करने वाली है कि लोग खुश हो जाएंगे।
अर्नब गोस्वामी और पार्थो दासगुप्ता के बीच यह बातचीत 23 फरवरी 2019 की है, इसके तीन दिन बाद ही भारतीय वायुसेना के जेट्स ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हमला बोला था और आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था। दरअसल पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद भारत की ओर से यह जवाबी कार्रवाई की गई थी।
वहीं किसानों के आंदोलन पर सोनिया गांधी ने कहा कि तीन कृषि कानून जिनके खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं, यह बहुत ही जल्दबाजी में तैयार किए गए हैं। किसानों का आंदोलन जारी है लेकिन सरकार का अड़ियल और असंवेदनशील रुख चौंकाने वाला है। यह बिल्कुल साफ है कि तीनों ही कानून जल्दबाजी में तैयार किए गए हैं और जानबूझकर संसद को यह मौका नहीं दिया गया कि इन कानूनों की समीक्षआ की जा सके। हमारा रुख शुरुआत से बिल्कुल साफ है, हमने इस बिलों को नकारा था क्योंकि ये कानून देश में खाद्य सुरक्षा को नष्ट कर देंगे। खाद्य सुरक्षा के तीन मजबूत स्तंभ एमएसपी, पब्लिक प्रोक्यूरमेंट और पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम हैं। इन तीनों ही स्तंभ को नए कानून नष्ट कर देंगे।
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