राहुल गांधी की ताजपोशी पर सोनिया गांधी ने दिया 'मदर इंडिया' की तरह आखिरी भाषण
नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में राहुल युग का आगाज हो गया है। कांग्रेस मुख्यालय में खास कार्यक्रम के दौरान सोनिया गांधी ने बेटे राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंप दी। इस दौरान बेहद आत्मीय और भावुक पल भी देखने को मिले। सबसे अहम रहा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबोधन, जिसे सुनकर कोई भी भावुक हुए बिना नहीं रह सकता। खास तौर से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने जब अपनी सास इंदिरा गांधी और पति राजीव गांधी को याद किया, उस समय वो भावुक नजर आईं। हालांकि खुद को संभालते हुए उन्होंने बेटे और कांग्रेस के नए अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर कई खास टिप्पणियां की। उन्होंने बताया कि कैसे राहुल की सहनशीलता पर उन्हें गर्व है। सोनिया गांधी के भावुकता से भरे संबोधन में कहीं न कहीं 'मदर इंडिया' की छवि नजर आ रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने जहां अपने कांग्रेस अध्यक्ष बनने का दौर याद किया जब कांग्रेस पार्टी सत्ता से दूर थी और फिर वो दौर भी आया जब कांग्रेस केंद्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और दो बार सत्ता संभाली। अपने संघर्ष के दिनों को याद करने के साथ ही सोनिया गांधी बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। इतना ही नहीं सोनिया गांधी ने इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नए नेतृत्व को खास नसीहत दी। पढ़िए, कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपने आखिरी संबोधन में क्या बोलीं सोनिया...
सोनिया के संबोधन में दिखी- मुखिया की छवि
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए राहुल गांधी को आशीर्वाद दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आज आखिरी बार आपको कांग्रेस अध्यक्ष के तौर संबोधित कर रही हूं। एक नया दौर, एक नए नेतृत्व की उम्मीद आपके सामने है। सोनिया गांधी ने कहा कि जब 20 साल पहले मुझे अध्यक्ष के तौर पर चुना तो मैं आपको इसी तरह संबोधित करने के लिए खड़ी थी। उस समय मेरे दिल में एक घबराहट थी, यहां तक कि मेरे हाथ कांप रहे थे। मैं सोच नहीं सकती थी कि किस तरह ऐतिहासिक संगठन को संभालूंगी। मेरे सामने एक बहुत कठिन कर्तव्य था। तब तक राजनीति से मेरा नाता निजी था। जैसा कि आप सब जानते हैं कि राजीव जी और मेरा विवाह हुआ उसी के जरिए मेरा राजनीति से परिचय हुआ। जिस परिवार से मैं आई वो एक क्रांतिकारी परिवार था। सोनिया गांधी के संबोधन में कहीं न कहीं एक ऐसे मुखिया छवि नजर आ रही थी, जो अपने कार्यकर्ताओं में फिर से नया जोश भरने की कोशिश कर रहा हो।
परिवार का जिक्र कर सोनिया ने विरोधियों पर किया हमला
सोनिया गांधी ने अपने परिवार का जिक्र करते हुए कहा कि जिस परिवार में मैं आई वो एक क्रांतिकारी परिवार था। वो ऐसा परिवार था जिसने देश की आजादी के लिए अपना धन दौलत और पारिवारिक जीवन को त्याग दिया था। उस परिवार का एक-एक सदस्य इस देश की आजादी के लिए जेल जा चुका था। देश ही उनका मकसद और देश ही उनका जीवन था। इस टिप्पणी के जरिए सोनिया ने उन विरोधी दलों को मुंहतोड़ जवाब दिया जिन्होंने लगातार गांधी-नेहरू पर परिवार पर निशाना साधा है।
इंदिरा और राजीव का जिक्र कर भावुक हुईं सोनिया
इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि उनसे मैंने भारत की संस्कृति के बारे में सीखा, उन उसूलों के बारे में सीखा जिससे इस देश की नींव डली है। जब उनकी हत्या तो लगा जैसे कि मेरी मां मुझसे छिनीं गई हैं। इस हादसे ने मेरे जीवन को हमेशा के लिए बदल डाला। उन दिनों मैं राजनीति को अलग नजरिए से देखती थीं। हालांकि मेरे पति के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी थीं, उन्हें प्रधानमंत्री का पद संभालना पड़ा। इंदिरा गांधी की हत्या के सात साल बाद मेरे पति की भी हत्या की गई। इससे उबरने में मुझे कई साल लग गए। सोनिया गांधी ने अपनी बात रखते हुए बताया कि आखिर उन्हें क्या कुछ सहना पड़ा। दुख के साथ-साथ चुनौतियों का अंबार उनके सामने था, जिसे उन्होंने दूर करने की कोशिश की।
अध्यक्ष बनने पर इन चुनौतियों का किया सामना
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन बताया कि आखिर राजनीति में उन्हें क्यों आना पड़ा। उन्होंने कहा कि जिस दौर में मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनी उस समय मुझे लगने लगा था कि कांग्रेस में मेरी जरूरत है, कार्यकर्ताओं को मेरी जरूरत है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बलिदान भी व्यर्थ न जाए इसलिए कर्तव्य समझते हुए राजनीति में आई। जब मैं अध्यक्ष बनीं तो देश में महज 3 राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। केंद्र से भी दूर थे। सोनिया गांधी ने कहा कि इस चुनौती का सामना किसी एक व्यक्ति का चमत्कार नहीं कर सकता था। हालांकि हमने मेहनत की और कई राज्यों में हमारी सरकार बनीं। पूरे जीवन यात्रा के बारे में बताते हुए सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आप लोग हमेशा मार्गदर्शक रहे हैं।
जब सोनिया बोलीं- हम डरने वालों में से नहीं हैं...
सोनिया गांधी ने कहा कि हम डरने वालों में से नहीं हैं। हमारा संघर्ष इस देश की रूह के लिए संघर्ष है, हम इससे पीछे नहीं हटेंगे। आप सब कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हैं, उस भावना उन उसूलों के रखवाले हैं। इस देश के मूल्यों की रखवाली करना आपका मकसद है। इस दौरान बुनियादी वसूलों पर हमला हो रहा है। मिलीजुली संस्कृति को तोड़ा जा रहा है। किस तरह भय का माहौल बनाया जा रहा है। इस बीच कांग्रेस को भी अपने भीतर झांकना पड़ेगा। किसी भी तरह के त्याग बलिदान के लिए तैयार रहना होगा।
युवा नेतृत्व के जरिए युवाओं से की अपील
युवाओं का जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि युवा नेतृत्व के आने से असली परिवर्तन होगा। इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि राहुल मेरा बेटा है इसलिए उसके तारीफ में कुछ बोलना उचित नहीं होगा लेकिन फिर भी मैं ये कहूंगी कि राहुल को बचपन से हिंसा की आग का सामना करना पड़ा है। राजनीति में आने पर राहुल ने ऐसे भयंकर व्यक्तिगत हमले का सामना किया जिसने उसे और निडर इंसान बनाया है। सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे राहुल गांधी की सहनशीलता पर गर्व है। मुझे पूरा विश्वास है कि राहुल पार्टी का नेतृत्व सच्चे दिल, धैर्य और सच्चाई से करेंगे। जैसे आप आगे बढ़ेंगे, मेरी खुशी भी बढ़ेगी। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल को लेकर देशवासियों, कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
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