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चिट्ठी लिखने वाले असंतुष्ट नेताओं को सोनिया का सख्त संदेश, संसदीय समिति से बाहर किए कई बड़े नाम

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नई दिल्ली। कांग्रेस में पिछले दिनों शीर्ष नेतृत्व को लेकर शुरू हुआ घमसान बढ़ता ही जा रहा है। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कर पार्टी में बड़े बदलाव की मांग करने वाले 23 असंतुष्ट नेताओं को अब सोनिया गांधी ने खुद एक पत्र भेजा है। दोनों सदनों के नेताओं को यह पत्र भेजा गया है। गुरुवार को कांग्रेस ने संसद से जुड़े विषयों पर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए 10 सदस्यीय समिति बनाई है। दोनों सदनों की समिति में 5-5 सदस्यों को रखा गया है।

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चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेस नेताओं को बड़ा झटका

चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेस नेताओं को बड़ा झटका

लोकसभा में, दो बार के सांसद गौरव गोगोई, नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी, और लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को व्हिप नियुक्त किया गया है। गौरव गोगोई पहले व्हिप की भूमिका में थे। इसके अलावा मणिकम टैगोर भी व्हिप हैं। लोकसभा में चौधरी, डिप्टी लीडर गोगोई, चीफ व्हिप सुरेश, और व्हिप बिट्टू, मनिकम टैगोर(अन्य राहुल के वफादार) शामिल हैं। टैगोर ने व्हिप के अपने पद को बरकरार रखा है।

राज्यसभा के नई टीम का गठन

राज्यसभा के नई टीम का गठन

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेता जयराम रमेश को राज्यसभा में मुख्य व्हिप नियुक्त किया है। आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी को नाम भी चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में शामिल है। उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया है। राज्य सभा के लिए बनाई गई समिति में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, अहमत पटेल, जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल को रखा गया है। रमेश को राज्य सभा में पार्टी का चीफ विप भी बनाया गया है। 23 असंतुष्ट नेताओं में गुलाम नबी आजाद का नाम भी शामिल है। मनीष तिवारी भी दो बार सांसद रह चुके हैं। इतना ही नहीं गोगई के मुकाबले मनीष तिवारी काफी सीनियर नेता हैं। मनीष तिवारी एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वो केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं।

सोनिया ने पत्र लिख कही ये अहम बात

सोनिया ने पत्र लिख कही ये अहम बात

वेणुगोपाल और गोगोई दोनों को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। लुधियाना के सांसद बिट्टू ने पहली बार 2014 इस सीट से चुनाव लड़ा था। जहां से मनीष तिवारी चुनाव लड़ते आ रहे थे। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि, मनीष तिवारी कम से कम उप नेता (लोकसभा में) के रूप में आ सकते थे। वहीं केरल के सांसद शशि थरूर को भी नजरअंदाज किया गया है। वह भी उन 23 नेताओं में थे जो पार्टी के नेतृत्व में बदलाव चाहते थे। सोनिया ने गुरुवार देर शाम बदलावों की घोषणा करते हुए कहा: "सीपीपी के अध्यक्ष के रूप में, मैंने संसद के दोनों सदनों में हमारी पार्टी के प्रभावी कामकाज को सुविधाजनक बनाने और सुनिश्चित करने के लिए ... समूहों का गठन करने का निर्णय लिया है। ये समूह प्रतिदिन सत्र के दौरान मिलेंगे और अंतर-सत्र अवधि के साथ-साथ संसद के मुद्दों पर भी बैठक कर सकते हैं। जब भी जरूरत हो, संयुक्त बैठकें बुलाई जा सकती हैं।

पार्टी के भीतर अगर चुनाव नहीं होता तो अगले 50 साल तक कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ेगा: गुलाम नबी आजादपार्टी के भीतर अगर चुनाव नहीं होता तो अगले 50 साल तक कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ेगा: गुलाम नबी आजाद

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English summary
Sonia Gandhi delivered a snub to the dissenters in both Houses of Parliament
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