नए कृषि कानूनों को लागू होने से रोकने के लिए कानून पारित करें कांग्रेस शासित राज्य: सोनिया गांधी
नए कृषि कानून लागू होने से रोकने के लिए कानून पारित करें कांग्रेस शासित राज्य: सोनिया गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा है कि जो नए कृषि कानून केंद्र की सरकार लाई है, वो किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों से कहा है कि इन कानूनों को अपने सूबे में लागू ना करने के लिए हर संभव पहलू पर विचार करें। उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों से इन कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए अपने विधानसभाओं में कानून पारित करने की संभावना पर विचार करने और इस संबंध में प्रस्ताव लाने को कहा है।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे संविधान के अनुच्छेद 254 (ए) के तहत कानून पारित करने पर गौर करें ताकि ये केंद्र से पारित कृषि विधेयकों को राज्य में निष्क्रिय कर दे। उन्होंने कहा कि संविधान का यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को राज्य के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण करने वाले केंद्रीय कानूनों को नकारने के लिए एक कानून पारित करने की अनुमति देता है और केंद्र जो नए कानून लाया है वो भी राज्य की सीमाओं में अतिक्रमण है। ऐसे में इस अनुच्छेद के तहत कानून बनाया जा सकता है।
वेणुगोपाल ने कहा है कि राज्य के इस कदम से कृषि संबंधी तीन कानूनों के अस्वीकार्य एवं किसान विरोधी प्रावधानों को दरकिनार किया जा सकेगा। इन प्रावधानों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने और कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) को बाधित करने का प्रावधान शामिल है। उन्होंने कहा, कांग्रेस शासित प्रदेशों की ओर से कानून पारित करने के बाद वहां किसानों को उस घोर अन्याय से मुक्ति मिलेगी जो मोदी सरकार और भाजपा ने उनके साथ किया है।
पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकारें हैं। वहीं महाराष्ट्र और झांरखंड में वो सरकार में साझीदार है। सोनिया गांधी ओर से इस बाबत कहे जाने के बाद कांग्रेस शासित राज्य अब इस पर विधानसभा में प्रस्ताव ला सकते हैं।
बता दें कि हाल ही में संपन्न मानसून सत्र में संसद ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को इन विधेयकों को मंजूरी प्रदान कर दी, जिसके बाद ये कानून बन गए हैं। इन कानूनों को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और किसान सड़क पर हैं।