अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कह कर सोनिया ने 'विनम्रता' से स्वीकारी हार
बैंगलोर। कहते हैं न कि रस्सी जले पर बल न जाए, ऐसा ही कुछ हाल कांग्रेस पार्टी का हो गया है। लोकसभा इलेक्शन में जो थोड़ा सा कुछ बाकी रह गया था वो रही सही कसर महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावों ने निकाल दी। बड़ी देर से लुकाछिपी चल रही थी और मीडिया कांग्रेस के आलाकमानों को ढूंढ रही थी।
टीवी
चैनलों
ने
राहुल
गांधी
को
खूब
पुकारा
लेकिन
वो
मसरूफ
थे
हुदहुद
की
त्रासदी
का
मुआयना
करने
में।
पता
नहीं
पर
शायद
वो
इस
बात
से
बेखबर
थे
कि
एक
केसरिया
लहर
उनके
अपने
आशियाने
को
उजाड़
चुकी
है।
खैर
काफी
इंतज़ार
के
बाद
भारत
की
एक
ज़िम्मेदार
नागरिक
की
तरह
सोनिया
गांधी
आईं
और
बड़ूी
'विनम्रता'
से
उन्होंने
कांग्रेस
पार्टी
की
हार
स्वीकार
की
है।
साथ
ही
उन्होंने
लोगों
का
धन्यवाद
भी
दिया
कि
इतने
साल
उन्होंने
कांग्रेस
का
साथ
दिया
और
हरियाणा,
महाराष्ट्र
का
सिंहासन
उन्हें
सौंपा।
जाते
जाते
भी
सोनिया
नई
सरकार
को
हिदायत
भी
दे
गईं
कि
नई
पार्टी
उन
सभी
वादों
को
पूरा
करे
जो
उन्होंने
जनता
से
किए
हैं।
सोनिया
गांधी
ने
इस
विदाई
स्पीच
में
एक
और
वादा
किया
कि
कांग्रेस
हमेशा
से
लोगों
की
सेवा
करती
आई
है
और
लोगों
की
सेवा
करते
रहेंगे।