सौरव गांगुली की करीबी मित्र और MLA बैशाली डालमिया का बड़ा बयान-'कुछ लोग TMC को दीमक की तरह खा रहे हैं'
Sourav Ganguly Friend and MLA Vaishali Dalmiya speaks up against 'Trinamool termites': सीएम ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। उनके दो पार्टी दिग्गजों ने TMC को छोड़ दिया है तो वहीं अब एक और पार्टी विधायक ने पार्टी के अंदर के कलह को लेकर बड़ी बात कही है, जिससे कि तृणमूल कांग्रेस के अंदर खलबली मच गई है। दरअसल TMC विधायक बैशाली डालमिया ने पार्टी में फैली अराजकता और वर्क कल्चर पर सवाल खड़े करते हुए बड़ा बयान दिया है, उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि TMC पार्टी में कुछ लोग दूसरों को काम नहीं करने दे रहे, ये ऐसे लोग हैं, जो कि दीमक की तरह पार्टी को अंदर ही अंदर खोखला कर रहे हैं और अगर चीजें नहीं सुधरीं तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
'कुछ लोग TMC को दीमक की तरह खा रहे हैं'
मालूम हो कि बैशाली डालमिया पूर्व BCCI अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का बेटी हैं और वर्तमान बोर्ड प्रेसिडेंट सौरव गांगुली की बेहद करीबी मानी जाती हैं। वह बल्ली विधानसभा विधायक हैं और गांगुली परिवार के फैमिली मित्रों में से एक हैं। बैशाली का ये बयान ममता सरकार के मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला के इस्तीफे के बाद आया है, जिसने पार्टी के अंदर के एक बड़ी हलचल पैदा कर दी है।
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लक्ष्मी रतन शुक्ला पर बैशाली ने दिया ये बयान
बैशाली ने लक्ष्मी रतन शुक्ला पर उंगली उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनके इस्तीफे की वजह पार्टी के अंदर के ऐसे ही लोग हैं, जो कि उन्हें काम नहीं करने दे रहे थे, उनका जाना दुखद है। दीमक टाइप के लोगों के दिलों में ना तो पार्टी और ना ही सीएम ममता के प्रति कोई मोह या सम्मान हैं, इन्हें राज्य की जनता के भले की चिंता भी नहीं है। इन्हें सिर्फ अपने आप से मतलब है।
कुछ लोग दवाब बनाने में भी माहिर हैं: बैशाली
गौरतलब है कि राज्य के खेल मंत्री और पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला ने बीते मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद उनपर टीएमएसी के ही नेताओं ने कुछ आरोप लगाए हैं तो वहीं इससे पहले 19 दिसंबर को सीएम ममता के कभी बेहद खास रहे पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है और उनके साथ 2 एमपी और 10 MLA ने भी भाजपा ज्वाइन की थी। बैशाली ने ये भी कहा कि कुछ लोग दवाब बनाने में भी माहिर हैं।
अशोक भट्टाचार्य ने भी कही थी दवाब की बात
आपको बता दें कि सौरव गांगुली के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। बीते शनिवार को उनको दिल का दौरा पड़ा था। उनको अस्पताल में मिलने गए उनके करीबी और सीपीआईएम के नेता अशोक भट्टाचार्य ने ये कहकर सबको चौंका दिया कि कुछ लोग गांगुली का राजनीतिक रूप से इस्तेमाल करना चाहते हैं और इसी वजह से वो काफी प्रेशर में थे और उनकी हालत बिगड़ी, उन्होंने कहा कि गांगुली राजनीतिक मिजाज के नहीं हैं, उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी के तौर पर जाना जाए, मेरे ख्याल से उनकी बीमारी का कारण उन पर डाला गया दवाब है।
दादा को पीएम मोदी ने किया था फोन, सीएम ममता मिलने गई थीं
गांगुली जब अस्पताल में थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर उनका हाल चाल जाना था। वहीं, प. बंगाल के राज्यपाल राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनसे मिलने भी गए थे। यही नहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी गांगुली की पत्नी डोना से फोन पर बात की थी और कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सौरव को दिल्ली इलाज के लिए भी लाया जा सकता हैं, आप चिंता नहीं कीजिए।फिलहाल बैशाली डालमिया का बयान जहां टीएमएसी के लिए चिंताजनक है,अब सभी को बैशाली के बयान पर टीएमसी या सीएम ममता बनर्जी के बयान का इंतजार है, देखते हैं वो क्या प्रतिक्रिया देती हैं।
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