... चुनावी सहालग में जमकर चांदी काट रहे हैं ये
दरियागंज की फूल मंडी के कारोबारी पंकज धारीवाल ने आईएएनएस से कहा, "फूल बेचने वालों का कारोबार दोगुना हो गया है। हर साल शादी हमारे लिए प्रमुख अवसर होता है, लेकिन चुनाव के कारण इस साल हमारा कारोबार दोगुना-तिगुना हो गया है।"
मुफ्त खान-पान और संगीत कार्यक्रमों के जरिए मतदाताओं को लुभाने वाली और जनसभाएं करने वाली राजनीतिक पार्टियों ने उच्च प्रोफाइल वाले आयोजन प्रबंधकों की भी सेवा ली है।
यह भी पढ़ें - नाराज़ 'लहर'
मुंबई के एक कारपोरेट इवेंट मैनेजर ने कहा, "कारोबार तो कारोबार है, चाहे किसी भी रूप में हो। इन दिनों राजनीतिक पार्टियां अपने वरिष्ठ नेताओं के लिए शानदार कार्यक्रम आयोजन करना चाहती हैं।"
दिल्ली के बंगाली मार्केट एरिया के प्रसिद्ध हलवाई मदन शरन ने कहा कि मिठाई और पेटभर भोजन मिले बिना न तो लोग शादी में नाचते हैं और न ही राजनीतिक पार्टियों के लिए।
उन्होंने बताया कि एक साधारण रैली के लिए मूंग दाल के लड्ड और आलू पूड़ी के ऑर्डर आते हैं। एक साथ 5,000 से 20,000 थालियों के ऑर्डर मिलते हैं।
पुरानी दिल्ली के सदर बाजार के पटाखे वालों का कारोबार भी दोगुना हो गया है। 175 साल पुरानी रॉयल फायरवर्क्स के रूप किशोर श्रीवास्तव ने आईएएनएस से कहा, "इस साल शादी और चुनाव से हमारा कारोबार बढ़ गया है।"
लखनऊ के रामचंदर बग्गीवाले ने कहा, "इन दिनों सभी लोकप्रिय फिल्मी गीतों का उपयोग विवाहोत्सव और राजनीतिक रैलियों में हो रहा है। लोग इस पर झूमते भी हैं। हाल में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के पर्चा भरने के मौके पर निकले जुलूस में हमारे बैंड को लगाया गया था।"
यही नहीं, यात्रा और पर्यटन एजेंसियों का भी कारोबार बढ़ गया है। विदेशी पर्यटक खास तौर से चुनावी रैलियों और बारात देखने में रुचि ले रहे हैं।
एक पर्यटन गाइड ने कहा, "संगीत, नृत्य, विशाल भीड़ और पारंपरिक परिधानों में लोगों को देखकर विदेशी पर्यटक अचंभित रह जाते हैं। वे इसे कौतूहल से देखते हैं।"