हर्ष मंदर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने SC में पेश किया एक और सबूत, CJI ने मांगा जवाब, टली सुनवाई
नई दिल्ली। नगारिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोध के दौरान हिंसा के लिए लोगों को भड़काने और न्यायपालिका के बारे में अवमानना भरी बातें बोलने का आरोप झेल रहे सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर मामले में आज सुनवाई टल गई। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हर्ष मंदर के भाषण की एक कॉपी को पेश किया। चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। हर्ष मंदर के भारत में न होने के आधार पर कोर्ट ने सुनवाई टालते हुए 15 अप्रैल की अगली तारीख तय की है। इसके अलावा कोर्ट ने मंदर से जवाब देने को भी कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में हर्ष मंदर की तरफ से पेश हुए दुष्यंत दवे ने दलील दी है कि उनके मुवक्किल ने ऐसा कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मंदर का दूसरा वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह आपत्तिजनक बयानबाजी करते दिखाई दे रहे हैं। इसकी ट्रांसक्रिप्ट कॉपी अदालत के समक्ष पस्तुत कर दी गई है। इसके बाद दुष्यंत दवे ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल ने कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया, फिलहाल वह देश में नहीं है इसलिए आज उनकी तरफ से लिखित में जवाब नहीं दायर किया जा सकता।
Harsh Mander video clip case in Supreme Court: Solicitor General Tushar Mehta says, they've found one more speech against Harsh Mander. Dushyant Dave says, its neither contemptuous or seditious. We will file a reply; CJI Bobde, says, we will hear the case on 15 April
— ANI (@ANI) March 6, 2020
बता दें कि हर्ष मंदर मामले पर पिछली सुनवाई 4 मार्च को हुई थी जिसमें दिल्ली पुलिस ने मंदर पर आरोप लगाया था कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोगों को भड़काने के लिए उन्होंने हिंसक बयानबाजी की है। तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि हर्ष मंदर ने सीएए का विरोध कर रहे लोगों से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और संसद से उम्मीद करना बेकार है। अगर हमें इंसाफ चाहिए तो सड़क पर उतरना ही होगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में हर्ष मंदर ने भी याचिका दायर कर उन बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जिन्होंने दिल्ली हिंसा से पहले भड़काऊ बयान दिया था, 4 मार्च को उनकी उसी याचिका पर सुनवाई हो रही थी।
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