सियाचिन में वॉटरलेस बॉडीवॉश से नहा सकेंगे भारतीय जवान, अब नहीं करना होगा 90 दिनों का इंतजार
नई दिल्ली। सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा वॉरजोन है और यहां पर तैनात भारतीय जवानों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। तापमान इतना कम होता है कि खून भी जम जाए और ऐसे में नहाना तो दूर की बात है। सियाचिन में तैनात जवानों को नहाने के लिए कम से कम तीन माह यानी 90 दिनों का इंतजार करना पड़ता है। लेकिन यहां तैनात जवानों को अब नहाने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां तैनात जवानों को ऐसी प्रॉडक्ट्स दिए जाएंगे तो वॉटरलेस होंगे और पूरी तरह से हाइजीन होंगे। सियाचिन ग्लेशियर 21,700 फीट की ऊंचाई पर है। यहां, भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही अपनी सेनाएं तैनात रखी हैं।
21,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर पोस्ट्स
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता स्थित ईस्टर्न कमांड जिस पर चीन से सटे बॉर्डर को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी है, उसने इन प्रॉडक्ट्स को टेस्ट किया है। अखबार ने दो अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है। भारत ने करीब 3,000 सैनिकों को सियाचिन में तैनात रखा है और यहां पर तापमान -60 डिग्री से भी नीचे चला जाता है। सियाचिन रणनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी अहम है और इसलिए इसकी सुरक्षा में रोजाना करीब सात करोड़ रुपए का खर्च आता है। सियाचिन की लगभग 80 प्रतिशत पोस्ट्स 16,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई है और यहां की बाना पोस्ट 21,753 फीट की ऊंचाई पर है। जवानों को यहां तक पहुंचने के लिए 28 दिनों तक चलना पड़ता है। इतने दिनों में वह करीब 128 किलोमीटर तक चलते हैं और तब कहीं जाकर पोस्ट पर पहुंच पाते हैं।
सैनिकों के लिए वॉटरलेस बॉडीवॉश
अधिकारियों के मुताबिक सियाचिन में तैनात हर सैनिक 90 दिनों नहा नहीं पाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा क्योंकि वॉटरलेस बॉडी हाइजीन प्रॉडक्ट्स के बाद वह कम से कम हफ्ते में दो बार नहा सकते हैं। अधिकारियों की मानें तो करीब 20 मिलीलीटर जेल से पूरी बॉडी को वॉश किया जा सकेगा। आर्मी डिजाइन ब्यूरो (एडीबी) की ओर से इस इस वॉटरलेस बॉडी वॉश को बनाया गया है। एडीबी को अगस्त 2016 में शुरू किया गया था। इसकी जिम्मेदारी सेना और प्राइवेक्ट सेक्टर के साथ मिलकर सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट को अंजाम देना है। वहीं दिल्ली आईआईटी ने हाइजीन प्रॉडक्ट्स को तैयार किया है।
क्या है भारत के लिए सियाचिन की अहमियत
सियाचिन, भारत के लिए कश्मीर से ज्यादा अहमियत रखता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सियाचिन ने वर्ष 1984 के बाद से यहां पर कई घुसपैठ और कब्जे की कोशिशों को महसूस किया है। उनका मानना है जब तक पीओके में आतंकी कैंप्स चल रहे हैं तब तक भारत सियाचिन को सिर्फ कुछ लोगों की मन की शांति के लिए कुर्बान नहीं कर सकता है। न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन की नजरें भी हर पल सियाचिन पर रहती हैं। कश्मीर से अलग सियाचिन भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले तीन दशकों से जंग का मैदान बना हुआ है। यहां पर सेनाओं का तैनात रखने के मकसद से अब तक दोनों देश करीब 600 अरब रुपए तक खर्च कर चुके हैं।