21 जून को होने वाले सूर्य ग्रहण पर कोरोना का असर, 4 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी
नई दिल्ली। भारत में रविवार यानि 21 जून को कुंडलाकार यानि अंगूठीनुमा सूर्य ग्रहण होगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड में यह खगोलीय घटना दिखाई देगी। बता दें कि सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होता है जब चंद्रमा सूर्य को तकरीबन 98.8 फीसदी तक ढक देता है। इस खगोलीय घटना को ना सिर्फ भारत बल्कि नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, यूएई और कोंगो में भी देखा जा सकेगा। पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रही है, लिहाजा इस बार के सूर्य ग्रहण के कार्यक्रम पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
कुरुक्षेत्र में रहेगी पाबंदी
भारत में कुरुक्षेत्र में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, लेकिन प्रशासन ने फैसला लिया है कि यहां शुक्रवार से ही निषेधाज्ञा को लागू कर दिया जाएगा। प्रशासन ने चार से अधिक लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी है। शहर के डीएम धीरेंद्र खड़गता ने बताया कि ग्रहण मेला पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पेहोवा के पवित्र स्थल के एक किलोमीटर के दायरे में और कुरुक्षेत्र के किसी भी धार्मिक स्थल के आस पास लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध है। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि लोग कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर और सन्नेहित सरोवर में ग्रहण के दौरान स्नान करने ना आएं और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफी आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आज से ही कई जगहों पर बैरिकेडिंग लगा दी है, जिससे कि रात से ही लोगों के आवागमन को रोका जा सके।
किस समय दिखेगा ग्रहण
भारत में देहरादून के टिहरी, हरियाणा के सिरसा और कुरुक्षेत्र में इस वलयाकार सूर्य ग्रहण के खूबसूरत नजारे को देखा जा सकता है। वहीं देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक रूप से दिखाई देगा। जानकारी के अनुसार दिल्ली में सूर्य ग्रहण की शुरुआत सुबह 10.20 बजे होगी। जबकि दोपहर 12.02 बजे सूर्य ग्रहण अपने पूरे प्रभाव में होगा और 1.49 बजे यह समाप्त हो जाएगा। देश के अन्य शहरों में भी आंशिक तौर पर इस ग्रहण को देखा जा सकेगा लेकिन इसके समय में कुछ अंतर हो सकता है।
खुली आंखों से ना देखें
बता दें कि यह वर्ष 2020 का पहला सूर्यग्रहण है जो रविवार को लगने जा रहा है। यह कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा है, अर्थात जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाएगा तब सूर्य की आकृति एक कंगन या फिर अंगूठी की तरह चमकीली नजर आएगी। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा और इसे रिंग ऑफ फायर सूर्यग्रहण भी कहा जा रहा है। इस ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए। इससे आपकी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसे सुरक्षित एल्युमिनेटेड मायलर, शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास या फिर टेलिस्कोप से देखा जा सकता है।
कंकणाकृति सूर्यग्रहण
21 जून को आषाढ़ कृष्ण अमावस्या को लगने जा रहा यह सूर्यग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि में होगा। उज्जैनी समय के अनुसार ग्रहण का स्पर्श 21 जून को प्रातः 10.11 बजे होगा, ग्रहण का मध्यकाल होगा प्रातः 11.52 बजे और ग्रहण का मोक्ष होगा दोपहर 1.42 बजे। इस प्रकार ग्रहण की कुल अवधि होगी 3 घंटा 31 मिनट। ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के स्पर्श होने से 12 घंटे पूर्व लग जाएगा। अर्थात् ग्रहण का सूतक 20 जून को रात्रि में 10 बजकर 11 मिनट से लग जाएगा।
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