Sohrabuddin Shaikh encounter: सीबीआई की विशेष अदालत कल सुना सकती है फैसला
नई दिल्ली। मुबई स्थित सीबीआई की विशेष अदालत सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापित एनकाउंटर मामले में शुक्रवार को अपना अहम फैसला सुना सकती है। इस मामले में 210 गवाहों से पूछताछ की गई है। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गौर करने वाली बात है कि इस मामले में जो स्पेशल जज अपना फैसला सुनाएंगे वह इसी महीने के अंत में अपने पद से रिटायर हो रहे हैं।
कोर्ट में सीबीआई ने दावा किया है कि इस मामले में अधिकतर गवाह अपने बयानों से पलटे हैं। इस मामले में सीबीआई का कहना है कि उसने 2010 में गुजरात सीआईडी से इस मामले को अपने हाथ में लिया है और इस मामले में जो अधिकतर सबूत पेश किए गए हैं वह सीबीआई की जांच का हिस्सा है। सीबीआई ने कहा कि 12 साल बाद अधिकतर गवाहों ने कहा है कि उन्हें यह पूरा वाकया याद नहीं है, लिहाजा इस पूरे मामले में परोक्ष सबूत पेश नहीं किए जा सके हैं। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया भी इस पूरे राजनीतिक-आपराधिक षड़यंत्र का हिस्सा थे। इस मामले में कुल 38 आरोपी थी, जिसमे से अमित शाह समेत 16 लोगों को बरी कर दिया गया था।
गवाह ने दावा किया है कि उसे जेल के भीतर 20 दिन तक टॉर्चर किया गया, इसी वजह से वह सीबीआई कोर्ट के भीतर किसी भी आईपीएस अधिकारी, नेता का नाम लेने से बच रहा था। स्पेशल कोर्ट में आजम खान ने याचिका दायर की है जिसमे उसने अपील की है कि एक बार फिर से उसका बयान दर्ज किया जाए। उसने कहा कि उसका बयान अभी अधूरा है, साथ ही आजम ने खुद के लिए सुरक्षा की भी मांग की है।
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