अगर सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर नहीं करते तो पाकिस्तान मोदी की हत्या कर देता: डीजी वंजारा
अहमदाबाद। रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा ने शुक्रवार को कहा कि अगर सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर में नहीं मारा जाता, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश में पाकिस्तान सफल हो जाता। उन्होंने कहा कि शायद राज्य में उस वक्त कश्मीर जैसे हालात भी पैदा हो सकते थे। वंजारा का यह बयान उस वक्त आया है, जब शुक्रवार को मुंबई सीबीआई की विशेष अदालत ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में फैसला सुनाते हुए सभी 22 आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया। इनमें से ज्यादातर गुजरात और राजस्थान पुलिस के अधिकारी शामिल थे।
एनकाउंटर में मारे गए सभी पाकिस्तानी स्पॉन्सर थे...
वंजारा ने कहा, 'सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सभी 22 आरोपी पुलिस अधिकारियों को बरी करने वाली सीबीआई अदालत ने अपने फैसले में केवल उन्हीं दावों की पुष्टि की है जो मैं शुरू से ही कहता आ रहा था, इनमें से कोई भी एनकाउंटर पूर्व सुनियोजित नहीं था। वंजारा ने एक बार फिर जोर देते हुए कहा कि एनकाउंटर में मारे गए सभी लोग पाकिस्तानी स्पॉन्सर थे, जो मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे। बता दें कि 2005 में 21 से 30 नवंबर के बीच सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति की हत्या कर दी गई थी।
वंजारा को बनाया गया था प्रमुख आरोपी
वंजारा को शुरू में सोहराबुद्दीन-कौसर बी के एनकाउंटर मामले में प्रमुख आरोपी बनाया गया था, जिनके खिलाफ फेक एनकाउंटर का मुकदमा चल रहा था। तीन साल पहले सीबीआई कोर्ट ने वंजारा को ईमानदार पुलिस ऑफिसर बताते हुए कहा था कि कुछ राष्ट्रविरोधी तत्वों ने मिलकर सही मुठभेड़ को फेक एनकउंटर में बदल दिया और ईमानदार पुलिस अधिकारियों को परेशान किया।
अमित शाह समेत 38 लोगों को बनाया गया था आरोपी
वंजारा ने दावा किया कि गुजरात पुलिस को पाकिस्तान स्पॉन्सर टेररिज्म के बारे में सटीक जानकारी थी और उन्होंने "देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री के जीवन की रक्षा करने का काम किया जो लगातार खतरे में थे।' बता दें कि सीबीआई ने इस केस में अमित शाह और गुजरात पुलिस ऑफिसर अभय चुदसामा, राजस्थान के पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, पूर्व गुजरात पुलिस चीफ पीसी पांडे और सीनियर पुलिस ऑफिसर गीता जौहरी जैसे लोगों का नाम भी शामिल किया था। हालांकि, 2014 की सुनवाई में कोर्ट ने 38 में से 16 लोगों को बरी कर दिया था, जिसमें अमित शाह जैसे नेताओं और अन्य पुलिस अधिकारियों को बेगुनाह बताया था।
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