खुद का केस लड़ने के लिए इंजीनियर की नौकरी छोड़ वकील बना युवक, 10 साल बाद आया फैसला
बेंगलुरु: एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर नौकरी छोड़कर अपने खिलाफ दर्ज केस में खुद का बचाव करने के लिए वकील बन गया और लेकिन अंतत: शुक्रवार को बेंगलुरु कोर्ट ने उसी मामले में शख्स को दोषी करार दिया और 2 साल की सजा सुनाई। उसके खिलाफ एक महिला ने अश्लील फोटो और ई-मेल भेजने के मामले में केस दर्ज कराया था जिसकी सुनवाई बेंगलुरु कोर्ट में 10 सालों से चल रही थी।
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कर्नाटक के बगलकोट के रहने वाले शिवप्रसाद सज्जन को बेंगलुरु कोर्ट ने एक महिला की आपत्तिजनक तस्वीरों को ई-मेल द्वारा कई लोगों को भेजने के मामले में दो साल की सजा सुनाई है। कर्नाटक में साइबर अपराध मामले में सजा का यह पहला मामला है, महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के दस साल बाद इस केस में फैसला आया है।
वहीं, इस मामले पर पुलिस ने कहा कि शख्स ने दस साल तक मामले को खींचने के लिए सभी संभाव कानूनी खामियों का इस्तेमाल किया। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके जानने वाले एक शख्स ने साइबर कैफे से विभिन्न लोगों को उसकी आपत्तिजनक तस्वीरों के साथ ईमेल भेजा था। साल 2008 में महिला की शिकायत पर इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया था, जमानत पर बाहर आने के बाद वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर वकील बन गया और अपना केस लड़ने लगा था।
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