सोशलः 'योगी जागो' का ट्रेंड क्यों चला ट्विटर पर?
सोनभद्र पहुंचकर पत्रकारों से बातचीत में योगी ने दावा किया कि इस विवाद की शुरुआत 1950 के दशक में कांग्रेसी सरकार के दौरान ही हो गई थी. इसके साथ ही उन्होंने हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त को समाजवादी पार्टी से जुड़ा बताया. घटना के लिए पूर्व सरकारों पर दोषारोपण करने को लेकर भी कुछ लोगों ने योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में गोलीकांड के पांचवें दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़ितों से मिलने पहुंचे.
इसके बाद ट्विटर पर 'योगी वेक्स अप' (योगी जागो) हैश टैग ट्रेंड करने लगा.
योगी के इस दौरे के लिए कुछ ट्विटर यूज़र कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की कोशिशों को श्रेय दे रहे हैं तो कुछ यूज़र्स योगी के देरी से पहुंचने पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.
एक ट्विटर यूज़र विनय खमकर ने ट्वीट किया है, "यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस बर्बर हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने में इतने दिन क्यों लगाए? क्या वो संजीदगी दिखाने के लिए विपक्ष के विरोध का इंतज़ार कर रहे थे?"
Why does the CM of UP Mr Bisht @myogiadityanath need so many days to even meet the victims of a gruesome massacre?? & why does he need opposition to agitate for him to show seriousness?? This only shows the lackadaisical attitude @BJP4India has towards human life #YogiWakesUp pic.twitter.com/OsYBQk3tgz
— vinay khamkar (@vinay_khamkar) 21 July 2019
सैयद मकबूल ने ट्वीट कर कहा है, "साल 2019 की घटना के लिए नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराकर योगी और उनकी सरकार गांव के प्रधान और भूमाफिया का पक्ष ले रहे हैं. योगी को तुरंत उन आदिवासियों को ज़मीन का पट्टा दे देना चाहिए जो दशकों से वहां खेती कर रहे हैं."
Yogi and his govt is taking side of village pradhan and land mafia by blaming the victims and Nehru for incident of 2019!
Yogi should immediately give land pattas to Adivasis who are tilling land for over 7 decades.#YogiWakesUp#UPmeinJungleRaj
— Syed Maqbool (@maqbool_sm) 21 July 2019
कुछ लोग पूछ रहे हैं कि 'क्या अब सोनभद्र में धारा 144 हटा दी गई है?'
क्या अब वहां धारा 144 हटा दी गई???#YogiWakesUp
— Arshadansari (@ArshadA12655408) 21 July 2019
असल में इस घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिजनों से मिलने सोनभद्र पहुंची थीं लेकिन उन्हें प्रशासन ने धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए हिरासत में ले लिया था.
उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया. जब उन्होंने बिना मिले लौटने से इनकार कर दिया तो परिजनों से गेस्ट हाउस में ही मिलने का इंतजाम किया गया.
रविवार को जब योगी आदित्यनाथ सीधे घटना वाले गांव पहुंचे तो प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, "उप्र के माननीय मुख्यमंत्री के सोनभद्र जाने का मैं स्वागत करती हूँ. देर से ही सही, पीड़ितों के साथ खड़ा होना सरकार का फर्ज़ है. अपना फर्ज़ पहचानना अच्छा है."
उप्र के माननीय मुख्यमंत्री के सोनभद्र जाने का मैं स्वागत करती हूँ। देर से ही सही, पीड़ितों के साथ खड़ा होना सरकार का फर्ज़ है। अपना फर्ज़ पहचानना अच्छा है।
उम्भा को लम्बे समय से न्याय की प्रतीक्षा है। अपेक्षा है उम्भा के पीड़ितों को न्याय मिलेगा और उनकी 5 माँगो को माना जाएगा।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) 21 July 2019
हालांकि योगी आदित्यनाथ ने इस विवाद के लिए भी कांग्रेस की पुरानी सरकारों को ज़िम्मेदार ठहराया है.
सोनभद्र पहुंचकर पत्रकारों से बातचीत में योगी ने दावा किया कि इस विवाद की शुरुआत 1950 के दशक में कांग्रेसी सरकार के दौरान ही हो गई थी.
इसके साथ ही उन्होंने हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त को समाजवादी पार्टी से जुड़ा बताया.
घटना के लिए पूर्व सरकारों पर दोषारोपण करने को लेकर भी कुछ लोगों ने योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है.
एक ट्वीटर यूज़र तस्नीम ने लिखा है, "योगी सीधे 1955 में जागे हैं."
Sec 144 inke dimag mein laga hai !#YogiWakesUp directly in year 1955 pic.twitter.com/cuUhAg82KE
— Tasnim (@Tanim0104) 21 July 2019
कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम की राष्ट्रीय संयोजक रुचिरा चतुर्वेदी ने ट्वीट किया है, "वैसे तो हादसे के तुरंत बाद जाना चाहिए था, मुख्यमंत्री जी, पर चलिए, जब जागो तभी सवेरा."
वैसे तो हादसे के तुरंत बाद जाना चाहिए था, मुख्यमंत्री जी, पर चलिए, जब जागो तभी सवेरा। #YogiWakesUp https://t.co/tCDKunfak6
— Ruchira Chaturvedi (@RuchiraC) 21 July 2019
सोशल मीडिया पर लोग इसलिए भी अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं कि बीजेपी का कोई मंत्री या नेता इस घटना के बाद वहां नहीं पहुंचा.
राहुल डोंगले ने ट्वीट कर लिखा है, "सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों का हाल जानने के लिए बीजेपी का कोई मंत्री या नेता नहीं आया."
RT IYC "RT HasibaAmin: After leaving no stone unturned and deploying autocratic ways to stop Smt. Priyanka Gandhi Vadra from meeting the victim families of Sonbhadra Massacre, a scared Ajay Singh Bisht govt has buckled under pressure. #YogiWakesUp"
— zaheer gul (@zaheergul1111) 21 July 2019
ज़हीर गुल ने ट्वीट किया है, "पीड़ित परिवारों से मिलने न देने और प्रियंका गांधी को हर क़ीमत पर रोकने की कोशिश करने वाली अजय बिष्ट सरकार आखिरकार दबाव में झुकी."
क्या था विवाद
क़रीब 100 बीघा ज़मीन पर कब्ज़े को लेकर गांव के प्रधान और आदिवासियों के बीच विवाद पिछले दो साल से शुरू हुआ जब ग्राम प्रधान ने इस ज़मीन को ख़रीद लिया और उनके लोग पीढ़ियों से वहां खेती कर रहे गोंड आदिवासियों को फ़सल उगाने से मना करने लगे.
17 जुलाई को ग्राम प्रधान दर्जनों ट्रैक्टर पर हथियारबंद लोगों के साथ ज़मीन कब्ज़ा करने पहुंचा जिसका आदिवासियों ने विरोध किया.
स्थानीय लोगों के अनुसार, विरोध करने पर हथियारबंद लोगों ने निहत्थे आदिवासियों पर फ़ायरिंग करना शुरू कर दिया, जिसमें मौके पर ही 10 लोग मारे गए जबकि दो दर्जन लोग घायल हो गए.