सोशलः 'जज ही अब देश के चीफ़ जस्टिस से न्याय की मांग कर रहे हैं'
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों के संवाददाता सम्मेलन से मचा हड़कंप. सोशल मीडिया पर भी चर्चा.
सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायधीशों ने शुक्रवार को दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन किया. सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले चार जज हैं- जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ़.
अपने आवास पर आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के नंबर दो जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कहा, "हम चारों इस बात पर सहमत हैं कि इस संस्थान को बचाया नहीं गया तो इस देश में या किसी भी देश में लोकतंत्र ज़िंदा नहीं रह पाएगा. स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका अच्छे लोकतंत्र की निशानी है."
सोशल मीडिया पर चर्चा
सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की चर्चा सोशल मीडिया पर भी ज़ोरशोर से हो रही है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस होने के साथ ही चीफ़ जस्टिस और प्रेस कॉन्फ्रेंस हैशटैग ट्रेंड करने लगे. इसके साथ ही जस्टिस चेलमेश्वर का नाम टॉप ट्रेंड कर रहा है.
इशकरन सिंह भंडारी ने ट्वीट किया, ''क्या अब चीफ़ जस्टिस भी देश के सामने अपना पक्ष रखने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.''
रुचिरा चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, ''क्या चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा पर महाभियोग चलाया जाएगा? जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा है कि हम फ़ैसला करने वाले कोई नहीं होते, देश इसका फ़ैसला करेगा.''
संदीप घोष ने ट्वीट किया, ''क्या जस्टिस चेलमेश्वर के नेतृत्व में हुई यह प्रेस कॉन्फ्रेंस संवैधानिक संकट की तरफ़ तो नहीं ले जा रही? शायद ऐसा हो सकता है. अगर ये लोग न्यायालय में जारी रहेंगे तो गतिरोध बरकरार रहेगा.''
लासुन यूनाइटेड नामक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ''जज ही अब देश के चीफ़ जस्टिस से न्याय की मांग कर रहे हैं.''
रोल्फ गांधी नामक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ''एक और चीज़ पहली बार हो रही है! नरेंद्र मोदी देश के पहले पीएम बन गए हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजों को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर मजबूर कर दिया.''