सोशल- 'वेद और विज्ञान' पर मोहन भागवत के कमेंट को लेकर चर्चा
बीबीसी की 'कहासुनी' में सोशल मीडिया पर लोगों के विचार...विषय था वेद बड़े या विज्ञान.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि वेद विज्ञान से बड़े हैं.
वृंदावन में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में मोहन भागवत ने यह बयान दिया.
'वेदों का ज्ञान ऊंचा है'
उन्होंने कहा, "वेद विज्ञान से बड़े हैं. वेदों में जो ज्ञान बताया गया है, वो विज्ञान से ऊंचा है. और विज्ञान उन ऊंचाइयों को अभी तक नहीं छू पाया है."
उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है.
इस बयान पर बीबीसी ने भी #कहासुनी में अपने पाठकों से उनकी राय जाननी चाही.
फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर पाठकों से यह पूछा गया था कि भागवत के इस बयान पर उनकी क्या राय है -
पाठकों के कमेंट
गौरव कुमार ने लिखा, "वही मैं सोचूं, आख़िर विज्ञान का विकास भारत में क्यों नहीं हुआ? क्यों आर्यभट्ट और नागार्जुन जैसे विद्वानों का उत्तराधिकारी पैदा नहीं हुआ? गोबर दिमाग सदा चली आई... आज यह साबित भी हो ही गया. तालियां."
गाज़ी अनवर ख़ान कहते हैं, "कौनसा वेद? जिसने वर्ण-व्यवस्था के अनुसार दलितों को शिक्षा से रोक दिया. शिक्षा हासिल करने वाले के कान में शीशा पिघला कर डालने को कहा."
इकरामुल हक़ ने लिखा है, "वेद साइंस से बड़ा है. क्या वेदों में मोरनी आंसुओं से गर्भवती हो जाती है. गौमूत्र से कैंसर का इलाज हो सकता है. गाय के गोबर से हीरे निकाले जा सकते हैं. ये हो क्या रहा है? क्या मज़ाक है. हम जंगलकाल में दाखिल हो रहे हैं."
'वेद ही साइंस का आधार'
कई लोगों ने कहा कि वे मोहन भागवत की टिप्पणी से सहमत हैं.
राव जयवीर सिंह ने लिखा, "जिनको पता नहीं, वो भी अब भर-भर कर गालियां देंगे. ख़ासकर जिन्होंने कभी वेद पढ़े नहीं हैं. साइंस क्या है? साइंस प्रकृति का अध्ययन करना ही तो है. किसी भी रिसर्चर से पूछ लीजिए, आपको बता देगा कि मोहन भागवत सही कह रहे हैं. वेद ही साइंस का आधार हैं."
एक यूज़र ने लिखा, "एपीजे अब्दुल कलाम ने वेद पढ़कर ही मिसाइल बनाई थी. तभी पता चला कि गाय का गोबर मिसाइल के ईंधन के तौर पर भी काम आता है. वेद ज्ञान-विज्ञान से आगे तो है ही. श्रीराम ने बिना विज्ञान के ही तो पुल बनाया था. जिस दौर में लोगों से सीमेंट की बिल्डिंग नहीं बनी, वेद पढ़कर रावण ने सोने की लंका बना ली थी. जय हो."
गौरव त्यागी ने लिखा है कि हिंदुत्व ही साइंस है. हमारे सभी रीति-रिवाज़, सभी त्यौहार, सभी कुछ तो साइंस पर आधारित हैं.
दोनों की तुलना ठीक?
इंस्टाग्राम पर love_._singh नाम के यूज़र ने लिखा है कि वेद का अर्थ है 'ज्ञान'. वेदों में सनातन सत्य कहा गया है. ऐसा सत्य जो प्रकृति में यथावत मौजूद है. वेदों की शिक्षा सार्वभौमिक है. आधुनिक विज्ञान को उस स्थान तक पहुंचने में अभी कई साल लग जाएंगे.
एक अन्य यूज़र amit.star ने लिखा, "दोनों की तुलना करना ठीक नहीं है, बल्कि यह बेवकूफी है. दोनों का अपने आप में अलग महत्व है."