जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका इलीना सेन का 69 साल की उम्र में निधन
नई दिल्ली। जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका इलीना सेन का छत्तीसगढ़ में निधन हो गया। वो 69 साल की थी। इलीना सेन ने छत्तीसगढ़ के खदान मजदूरों के लिए बहुत काम किए। रविवार को उनका निधन हो गया। कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद 69 वर्ष की आयु में रविवार को उनका निधन हो गया। एक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने और उनके पति ने अपने एनजीओ रुंपातर के जरिए छत्तीसगढ़ के आदिवासी खदान मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ी।
इलीना सेन जाने माने मानव अधिक प्रचारक और डॉक्टर बिनारक सेन की पत्नी थीं। उन्हें छत्तीसगढ़ में एक एक्टिविस्ट के रूप में समर्पित होकर काम किया। अपने पति के साथ उन्होंने मजदूरों के हक के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।उन्होंने बतौर समाजिक कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ में कॉर्पोरिटाइजेशन के खिलाफ खदानों में काम करने वाले मजदूरों के हक के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। उन्हें हमेशा इसके लिए याद किया जाएगा।
इलीना सेन के कई किताबें भी लिखी। उन्होंने छत्तीसगढ़ के अंदर: एक राजनीतिक संस्मरण और सुखवासिन: छत्तीसगढ़ की प्रवासी महिला नाम की दो किताबें लिखी। इलीना ने अपने पति के साथ मिलकर सलवा जुडूम के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कोया कमांडो नामक नागरिक सतर्कता समूहों की भी स्थापना की।
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