क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

तो इसलिए दक्षिण एशियाई लोगों को कोरोना का है अधिक जोखिम, जानिए क्या है मामला?

Google Oneindia News

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के जोखिम को लेकर हुए एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि दक्षिण एशियाई लोगों को कोरोना वायरस का जोखिम अधिक होता है, क्योंकि करीब 30 फीसदी दक्षिण एशियाई लोगों में निएंडरथल ( मानव की एक नस्ल) के जीन होते हैं। अध्ययन से पता चला है कि करीब 60,000 साल पहले निएंडरथल मानवों के जीनोम में कोरोना वायरस पाया गया है।

corona

स्वीडिश जेनेटिकिस्ट स्वेन्ते पाबो और ह्यूगो ज़ेबर्ग द्वारा किए गए अध्ययन में जर्मनी का मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट, जापान का ओकिनावा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और स्वीडन का करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के भी वैज्ञानिक शामिल थे। स्टडी के मुताबिक संक्रमण की तीव्रता यूरोप की तुलना ने दक्षिण एशिया में अधिका है, जो कि क्रमश 8 फीसदी और 30 फीसदी होती है, क्योकि इस वायरस का जीन दक्षिण एशिया में अधिक लोगों में पाया गया है।

घबराएं नहीं, समझिए आखिर देश में क्यों तेजी से रोजाना बढ़ रहे हैं कोरोना के नए मामले?घबराएं नहीं, समझिए आखिर देश में क्यों तेजी से रोजाना बढ़ रहे हैं कोरोना के नए मामले?

corona

गौरतलब है निएंडरथल मनुष्य के प्रथम पूर्वज यूरोप में कोई साढ़े तीन लाख वर्ष पूर्व रहा करते थे। मनुष्य जाति की एक अलग प्रजाति के रूप में उनका रूपरंग कोई एक लाख 30 हजार साल पहले उभरने लगा था। नेएन्डरथाल मनुष्य वर्तमान के होमो सापियन मनुष्यों के सीधे पूर्वज नहीं थे। उनकी एक अलग प्रजाति थी शोधार्थियों द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी पाया गया है कि कोरोन संक्रमण के लिए जो जीनोम जिम्मेदार है, वो बांग्लादेश में रहने वालों में आम है।

लोगों में कोरोना से सुरक्षा के लिए MMR वैक्सीन लेने की मची है होड़, जानिए क्या कहते हैं डाक्टर्स?लोगों में कोरोना से सुरक्षा के लिए MMR वैक्सीन लेने की मची है होड़, जानिए क्या कहते हैं डाक्टर्स?

corona

अध्ययन के मुताबिक क्रोमोजोम 3 पर इस जीनोम के छह जीनों के संबंध में एक हैरान करने वाला मानव इतिहास रहा है। आगे अध्ययन में यह भी पता चला है कि बांग्लादेश की आधी से अधिक आबादी (63 प्रतिशत) में निएंडरथल जोखिम वाले संस्करण की कम से कम एक प्रति वहन करती है और 13 फीसदी में जीन खंड का एक समान प्रकार होता है।

सर्वाधिक कोरोना टेस्टिंग मामले में विश्व का 5वां देश बना भारत, रोजाना हो रहे हैं ढाई लाख टेस्टसर्वाधिक कोरोना टेस्टिंग मामले में विश्व का 5वां देश बना भारत, रोजाना हो रहे हैं ढाई लाख टेस्ट

corona

अध्ययन के मुताबिक इस विशेष जीनोम की उपस्थिति पूर्वी एशियाई लोगों के केवल 4 फीसदी में है, और अफ्रीका में पूरी तरह से लगभग अनुपस्थित है। यह निष्कर्ष मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा अध्ययन के आधार पर निकाला गया है कि निएंडरथल मानवों में हजारों सालों पहले से ही कोरोनावायरस मौजूद था।

 Covid-19: जानिए, क्यों कुछ महिलाएं संक्रमितों को नहीं कर सकती हैं रक्त प्लाज्मा का दान? Covid-19: जानिए, क्यों कुछ महिलाएं संक्रमितों को नहीं कर सकती हैं रक्त प्लाज्मा का दान?

corona

उल्लेखनीय है कोरोना वायरस(Coronavirus) ने पूरी दुनिया में कहर मचा रखा है। दुनिया भर में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.15 करोड़ के पार पहुंच गई है। वहीं 5.36 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सभी देश इस वायरस की वैस्सीन खोजने में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक किसी के हाथ सफलता नहीं लगी है। हालांकि भारत वैक्सीन निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।

फास्ट ट्रैक पर है संभावित COVID19 स्वदेशी वैक्सीन की प्रक्रिया, तो क्या दुनिया की पहला वैक्सीन होगा Covaxin?फास्ट ट्रैक पर है संभावित COVID19 स्वदेशी वैक्सीन की प्रक्रिया, तो क्या दुनिया की पहला वैक्सीन होगा Covaxin?

Comments
English summary
A new research on coronavirus risk has revealed that South Asians are at higher risk of corona virus, as about 30 percent of South Asians have the genes of Neanderthal (a species of human). The study showed that the corona virus has been found in the genome of Neanderthal humans around 60,000 years ago.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X