Special Train में चल रही थी तस्करी, पुरानी दिल्ली स्टेशन पर लाखों की विदेशी सिगरेट बरामद
नई दिल्ली- कस्टम विभाग ने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक कोविड स्पेशल ट्रेन से विदेशी सिगरेट की एक बहुत बड़ी खेप पकड़ी है। कस्टम अधिकारियों ने आशंका जताई है कि ये महंगी ब्रांड की विदेशी सिगरेट की खेप बांग्लादेश से तस्करी करके लाई जा रही थी। कस्टम विभाग ने एक खुफिया सूचना के आधार पर मंगलवार को ही ये कार्रवाई की थी, लेकिन बुधवार को इसके बारे में जानकारी दी है। पकड़ी गई सिगरेट की कीमत 40 लाख रुपये से भी ज्यादा की बताई जा रही है। हालांकि, इसे किसने भेजा और यह किसके पास जा रहा था, इन बातों की छानबीन अभी बाकी है और हो सकता है कि इस गोरखधंधे में कई लोग शामिल हों।
स्पेशल ट्रेन से 40 लाख रुपये की सिगरेट बरामद
कस्टम विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को पुरानी दिल्ली स्टेशन पर एक स्पेशल ट्रेन से विदेशी सिगरेट के 15 कार्टन बरामद किए। इन डिब्बों में कुल 4.5 लाख सिगरेट हैं, जिनकी कीमत 40 लाख रुपये बताई जा रही है। ये सिगरेट पेरिस ब्रांड की है, जो काफी बेहतरीन मानी जाती है और चोर बाजार में इसकी काफी कीमत मिल जाती है। तस्करी का ये माल हावड़ा से अमृतसर जा रही स्पेशल ट्रेन की पार्सल वाली बोगी में लदा हुआ था। ये बरामदगी मंगलवार को ही हुई थी, जिसकी जानकारी कस्टम विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को दी है। कस्टम को शक है कि पेरिस ब्रांड सिगरेट का ये खेप पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा से तस्करी करके हावड़ा तक लाया गया और फिर उसे दिल्ली भेजने के लिए स्पेशल ट्रेन में चढ़ा दिया गया। पुरानी दिल्ली स्टेशन पर ये छापेमारी कस्टम विभाग की प्रिवेंटिव कस्टम टीम ने की है। दरअसल, कस्टम विभाग की प्रिवेंटिव टीम को खुफिया सूचना मिली थी कि एक स्पेशल ट्रेन से तस्करी की बहुत बड़ी कंसाइनमेंट दिल्ली पहुंच रही है। इसी जानकारी के आधार पर कस्टम ने पहले से ही अपना जाल बिछा रखा था।
कस्टम को चकमा देकर लाई जा रही थी सिगरेट
कस्टम के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें चकमा देने के लिए सिगरेट के इन 15 कार्टन का पार्सल कोलकाता से पहले वाराणसी के लिए बुक किया गया था; और फिर वाराणसी से दिल्ली के लिए उसकी बुकिंग की गई थी। अधिकारियों के मुताबिक तस्करी के इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई और मामले की तहकीकात चल रही है। उनके मुताबिक विदेशी-ब्रांड की इस सिगरेट की देश के चोर बाजारों में बेहतर क्वालिटी और अच्छी पैकिंग के चलते बहुत ही ज्यादा डिमांड है। जबकि, जो सिगरेट अपने देश में बनते हैं, उनपर अनिवार्य तौर पर तस्वीरों और टेक्स्ट फॉरमेट में चेतावनी लगाई जाती है, जो सिगरेट पीने वालों को पसंद नहीं आती है। हालांकि अभी ये पता लगाना बाकी है कि विरेशी सिगरेट की ये खेप दिल्ली में किसके पास पहुंचानी थी और उसे भेजने वाला कौन है। यही नहीं बांग्लादेश की सीमा से दिल्ली के बाजार तक के बीच इस गोरखधंधे में शामिल लोग कौन-कौन हैं।
पहले भी पकड़ी जा चुकी है ये विदेशी सिगरेट
बाहर से कानूनी तौर पर आयात किए जाने वाले सिगरेट के लिए भी कुछ खास नियम मौजूद हैं। इन विदेश ब्रांड को भारत में सिगरेट बेचने के लिए लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) रूल्स, 2011 के तहत कुछ बातों की जानकारी पैकेट पर स्पष्ट रूप से बतानी पड़ती हैं। मसलन, निर्माता कंपनियों या आयातकों या पैकर का नाम, उत्पाद का वजन, निर्माण का महीना और साल और रिटेल कीमत जैसी बातें। बता दें कि भारतीय कस्टम अधिकारी विदेश ब्रांड के सिगरेट पहले भी तस्करों से पकड़ते रहे हैं। पिछले साल बेंगलुरु में दो बार बड़ी मात्रा में पेरिस ब्रांड की सिगरेट तस्करों से पकड़ी गई थी।