राहुल गांधी के इस्तीफे पर पूछे सवाल पर स्मृति ईरानी बोली- जय श्री राम
नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरकार बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। राहुल ने अपने इस्तीफे की कॉपी ट्विटर पर शेयर की है। चार पन्नों के अपने इस्तीफे में उन्होने लिखा कि मैं कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में मैं 2019 के लोकसभा चुनाव की हार के लिए जिम्मेदार हूं। हमारी पार्टी के भविष्य के विकास के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं उनके इस्तीफे पर स्मृति ईरानी ने जय श्री राम कहा।
राहुल के इस्तीफे पर क्या बोली स्मृति ईरानी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से जब रिपोर्टरों से राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर सवाल किया तो, ईरानी ने जवाब में सिर्फ जय श्री राम कहा और चले गई। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के नेता नलिन कोहली ने कहा कि कांग्रेस परिवार केंद्रित पार्टी है। वहां आशीर्वाद से अध्यक्ष बनता है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में ईरानी ने राहुल को उनके गढ़ अमेठी में करीब 50 हजार वोटों के अंतर से हराया। राहुल हालांकि केरल की वायनाड सीट से जीतकर लोकसभा पहुंच गई।
|
कांग्रेस का अध्यक्ष बनना गौरव की बात
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहना मेरे लिए गर्व की बात है। कांग्रेस पार्टी की सेवा करना मेरे लिए गर्व का विषय है, जिस पार्टी की नीतियां और सिद्धातों से देश का विकास हुआ है। मैं देश और पार्टी से मिले प्यार के लिए आभारी हूं। उन्होंने आगे लिखा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की मैं जिम्मेदारी लेता हूं। हमारी पार्टी के विकास के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है। इस कारण से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। राहुल गांधी ने लिखा है कि 2019 की असफलता के लिए और भी लोगों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
किसी भी युद्ध से पीछे नहीं हट रहा
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि मैं किसी भी रूप में इस युद्ध से पीछे नहीं हट रहा हूं। मैं कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही, भारत का समर्पित बेटा हूं और अपनी अंतिम सांस तक इसकी सेवा करता रहूंगा। राहुल ने आगे लिखा कि, हमने 2019 में किसी एक पार्टी के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ा। बल्कि सरकार की पूरी मशीनरी के खिलाफ चुनाव लड़ा है। हमने विपक्ष के खिलाफ काम करने रहे हर संस्थान के खिलाफ चुनाव लड़ा। यह सब पूरी तरह साफ हो गया है कि हमारे संस्थानों की निष्पक्षता अब बाकी नहीं है। देश के संस्थानों पर कब्जा करने का आरएसएस का सपना अब पूरा हो चुका है। हमारे देश का लोकतंत्र अब कमजोर हो रहा है। यह देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, चार पन्ने के लेटर में कही ये बड़ी बातें