अमेठी में पेट भरने के लिए लोग कीचड़ से अनाज चुनते थे: स्मृति ईरानी
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि लंबे समय तक गांधी-नेहरू परिवार ने अमेठी का प्रतिनिधित्व किया लेकिन वहां के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। अमेठी में लोगों की हालत ये थी कि 2014 मैं मैंने खाने के लिए कीचड़ से अनाज चुनते देखा था। कोलकाता में आयोजित एक अवॉर्ड कार्यक्रम में स्मृति ने ये बातें कहीं। स्मृति अमेठी से भाजपा की सांसद हैं, उन्होंने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के उस समय के अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया था।
2014 में अहसास हुआ अमेठी में सब ठीक नहीं
स्मृति इरानी ने अमेठी में अपनी जीत को लेकर कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद मुझे मिले तीन लाख से अधिक वोट मिले। इससे मुझे समझ में आया कि यहां लोगों को मदद की जरुरत है। मैं वहां जीतने के लिए नहीं रुकी थी। मुझे तो ये तक नहीं मालूम था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मुझे दोबारा अमेठी से टिकट मिलेगा भी या नहीं। मैं अमेठी के लोगों से किए गए अपने वादे पूरे करने चाहती थी। मैंने 2014 में वहां लोगों को कीचड़ से अनाज चुनते देखा है।
लोगों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं करती
स्मृति ने कहा, जब लोग भूखे हों और आप उनकी मदद से राजनेता बन जाएं, तो ऐसी स्थिति में मैं खुद को सहज नहीं पाती हूं। मैं लोगों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं करती। मैं लोगों के साथ घुलमिलकर परिवार की तरह रहना पसंद करती हूं। जब लोगों के पास खाने को ना हो और बतौर नेता आप उनके कंधों पर खड़े होकर प्रधानमंत्री बन जाएं तो इसमें मैं सहज महसूस नहीं करती।
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पांच दशक से जीत रहा परिवार अमेठी में क्यों हारा
स्मृति ने कहा, वह परिवार (नेहरू-गांधी परिवार) जो अमेठी पर पिछले पांच दशक से जीत रहा था। उसे 2019 में हारना नहीं चाहिए था। आखिर वो हारा क्योंकि लोग खुश नहीं थे। बता दें कि स्मृति ने 2014 लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा था। तब वे हार गई थीं। भाजपा ने उन्हें राहुल के खिलाफ 2019 में फिर टिकट दिया और इस बार स्मृति जीत गई।