जेएनयू छात्र की शव-यात्रा में केंद्रीय मंत्री पर फेंके गए चप्पल, मौत की जांच को सड़कों पर उतरे लोग
मुथुकृष्णन जेएनयू में इतिहास विभाग में शोध छात्र थे, वो दलितों के साथ विश्वविद्यालयों में भेदभाव के खिलाफ कई सालों से संघर्ष कर रहे थे।
सेलम। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के दलित शोध छात्र मुथुकृष्णनन जीवानंदम की अंतिम यात्रा में तमिलनाडु में उनके गृहनगर सेलम पहुंचे भाजपा सांसद और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन को स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। अंतिम यात्री में शामिल मंत्री का विरोध करते हुए लोगों ने उन पर चप्पल फेंके। अंतिम यत्रा के बाद भारी तादाद में लोग सड़कों पर उतरे गए और दलित छात्र की मौत को संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग की।
जेएनयूू के छात्र मुथुकृष्णनन जीवानंदम की सोमवार को दिल्ली में अपने दोस्त के घर पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वो कमरे में फंदे से लटके मिले थे, पुलिस पृथमदृष्टया मामले को आत्महत्या बता रही है। मुथुकृष्णन जेएनयू में इतिहास विभाग में शोध छात्र थे, वो दलितों के साथ विश्वविद्यालयों में भेदभाव के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। उनकी मौत के बाद एम्स में उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया और बुधवार को उनके शव को तमिलनाडु में उनके गृहनगर सालेम को भेज दिया गया, जहां आज उनका अंतिम संस्कार हुआ।
फेसबुक
पर
कही
थी,
विश्वविद्यालयों
में
दलितों
के
साथ
भेदभाव
की
बात
मुथुकृष्णनन
जीवानाथम
ने
फेसबुक
पर
रजनी
कृश
के
नाम
से
अपना
प्रोफाइल
बनाया
था
जिस
पर
उन्होंने
हाल
ही
में
कुछ
पोस्ट
में
जेएनयू
में
समानता
के
मुद्दे
पर
सवाल
उठाए
थे।
अपनी
पोस्ट
में
उन्होंने
लिखा
था,
"एम.
फिल/पीएचडी
दाखिलों
में
कोई
समानता
नहीं
है,
मौखिक
परीक्षा
में
कोई
समानता
नहीं
है।
सिर्फ
समानता
को
नकारा
जा
रहा
है।
प्रोफेसर
सुखदेव
थोराट
की
अनुसंशा
को
नकारा
जा
रहा
है।एडमिन
ब्लॉक
में
छात्रों
के
प्रदर्शन
को
नकारा
जा
रहा
है।
वंचित
तबके
की
शिक्षा
को
नकारा
जा
रहा
है।
जब
समानता
को
नकार
दिया
जाता
है
तब
हर
चीज
से
वंचित
कर
दिया
जाता
है।"
मुथुकृष्णन जीवानाथम की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री के निर्मला सीतारमण के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस ने एसएंडएसटी एक्ट प्रीवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज अधिनियम के तहत आईपीसी की धारा 306 में एफआईआर दर्ज कर ली है। जेएनयू के छात्रों ने निर्मला सीतारमण के जेएनयू में आने पर उनसे पूछा था कि दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज क्यों नहीं दर्ज कर रही है और इस मामले में जरूरी कदम भी नहीं उठाए गए हैं। इसके बाद मंत्री ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने की बात कही थी।
तमिलनाडु में सेलम के रहने वाले मुथुकृष्णनन, रजनीकांत का अभिनय करते थे और दोस्तों के बीच रजनी क्रिश के नाम से ही चर्चित थे। उन्होंने फेसबुक पर प्रोफाइल भी इसी नाम से बनाई थी। वो फेसबुक पर माना श्रंखला में कहानियां लिख रहे थे।
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