महाराष्ट्र: वर्धा यूनिवर्सिटी में 6 छात्र निकाले गए, पीएम मोदी को पत्र लिखने पर हुई कार्रवाई
मुंबई: महाराष्ट्र के वर्धा में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में बुधवार को 6 छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉब लिचिंग के मामले में लैटर लिखने पर निष्कासित कर दिया गया। उन्होंन प्रशासन के फैसले के बाद एक विरोध प्रदर्शन भी किया था। इस संबंध में विश्वविद्यालय ने बुधवार को एक लैटर जारी किया, जिसमें परिसर में ऐसे किसी भी कार्यक्रम की परमिशन देने से इनकार किया गया था, जिसमें छात्र ऐसा कोई पत्र लिखेंगे।
जिन छात्रों को निष्कासित किया गया है, उनके नाम चन्दन सरोज, नीरज कुमार,रजनीश कुमार अंबेडकर, वैभव पिम्पलकर, राजेश सारथी और पंकज बेला हैं। ये सभी दलित समुदाय और अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) से आते हैं। इन छात्रों के निष्कासन आदेश में किसी भी इवेंट का उल्लेख नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि छात्रों को महाराष्ट्र के चुनावों से पहले आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आधार पर निष्कासित किया गया है। इसमें आगे कहा गया है कि इनका इरादा बड़े पैमाने पर प्रशासनिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना था।
आयोजन
की
अनुमति
देने
से
इनकार
से
पहले
सोमवार
के
एक
और
आदेश
का
हवाला
देते
हुए
कहा
गया
कि
केंद्रीय
सिविल
सेवा
(आचरण)
नियम
ने
विश्वविद्यालय
परिसर
में
प्रदर्शनों
और
धरने-प्रदर्शनों
को
प्रतिबंधित
किया
था।
आदेष
में
छात्रों
और
शोर्धाथियों
को
चेतावनी
दी
गई
थी
कि
ऐसे
कार्यक्रम
बिना
अनुमति
के
आयोजित
किए
जा
रहे
हैं।
लेफ्ट
से
संबंधित
ऑल
इंडिया
स्टूडेंट्स
एसोसिएशन
ने
एक
बयान
में
कहा
है
कि
बुधवार
को
आयोजित
इस
कार्यक्रम
में
छात्रों
ने
मॉब
लिंचिंग,
सरकारी
कंपनियों
की
बिक्री,
कश्मीर
पर
चुप्पी,
बलात्कार
के
आरोपी
नेताओं
के
संरक्षण
और
मोदी
सरकार
में
लोकतंत्र
की
हत्या
को
लेकर
लैटर
लिखे
गए
थे।
निष्कासित
छात्रों
में
से
एक
राजेश
सारथी
इसी
संगठन
का
सदस्य
है।
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र चुनाव: शिवसेना ने जारी किया घोषणापत्र, 10 रु में खाने की थाली और 1 रु में स्वास्थ्य जांच का वादा