जो लोग टैक्स नहीं भरते हैं, उनके खाते में सरकार 7500 रुपए डाले: सीताराम येचुरी
नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार के नीतियों पर सवाल उठाया है। उन्होंने सरकार के मांग की है कि भारत सरकार द्वारा घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को और बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अलावा उन परिवारों के बैंक खाते में सीधे 7,500 रुपये ट्रांसफर किया जाना चाहिए जो टैक्स नहीं भर सकते लेकिन कोरोना संकट में जरूरमंदों को खाना खिला रहे हैं।
भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रह हैं, इस बीच दिल्ली और बांद्रा से सामन आई प्रवासी मजदूरों की तस्वीर ने देश को चिंता में डाल दिया है। कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए सीताराम येचुरी ने दूसरे देशों का उदाहरण देते हुए केंद्र से कहा है कि कोरोना के खिलाफ जंग में भारत में कम से कम जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद का पांच फीसदी खर्च किया जाना चाहिए। वरिष्ठ वामपंथी नेता ने कहा, कोरोना संटक में जहां मलेशिया जैसा देश अपने लोगों को बचाने के लिए अपने जीडीपी का 16 फीसदी खर्च कर रहा है वहीं भारत ने जो राहत पैकेज का ऐलान किया है वह जीडीपी का फीसदी भी नहीं है।
केंद्र सरकार के घेरते हुए देश में स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों का मामला भी उठाया है। उन्होंने सोशल नेटवर्किंग फेसबुक पर पोस्ट एक वीडियो शेयर किया है जिसके माध्यम से उन्होंने डॉक्टरों और नर्सों की सुरक्षा का मासला उठाया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद सीताराम येचुरी ने कहा, कोरोना वायरस से सीधी लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उन्हें पर्याप्त पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीमेंट दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर डॉक्टरों और नर्सों को इस महामारी ने अपनी चपेट में लिया तो कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर हो जाएगी।
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