अब राम के नाम पर चलेगी माकपा
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) सीताराम येचुरी या रामचंद्र पिल्लै में से कोई बनेगा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का महासचिव। हालांकि निवर्तमान महासचिव प्रकाश करात नहीं चाहते हैं कि येचुरी बने पार्टी के महासचिव।
वे चाहते हैं कि केरल से पार्टी नेता रामचन्द्र पिल्लै बने महासचिव। जानकारों का कहना है कि करात केरल से पार्टी के नेता रामचंद्रन पिल्लै को महासचिव बनाने के हक में हैं। पिल्लै भी माकपा की पोलित ब्यूरो के सदस्य है। हालांकि करात को मालूम है कि उनका येचुरी को महासचिव बनने से रोक पाने का सपना पूरा शायद नहीं हो।
तीन दिवसीय कांग्रेस
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की तीन दिवसीय कांग्रेस 14 अप्रैल से शुरू हो रही है तिरुअंनतपुरम में। येचुरी के हक में पश्चिम बंगाल और उनके गृह प्रदेश आंध्र की इकाइयां हैं। माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई येचुरी के साथ है। इससे करात का सपना बिखर सकता है। करात के नेतृत्व में तो माकपा का बंटाधार हो गया। माकपा ने अपना पश्चिम बंगाल खो दिया।
जान फूंकना
जानकार कहते हैं कि है कि जो भी नया महासचिव बनेगा, उसे पार्टी में नई जान फूंकने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। माकपा का जनाधार लगातार घट रहा है। उसे उसके गढ़ समझे जाने वाले पश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी से लगातार हार का मुंह देखना पड़ रहा है। माकपा को बीते लोकसभा और विधानसभा चुनावों में राज्य में अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
आंध्र से येचुरी
हालांकि येचुरी का संबंध तो आंध्र प्रदेश से हैं, पर वे राज्य सभा में पश्चिम बंगाल से सदस्य है। वे बेहद तेज-तर्रार नेता हैं। वे कलम के भी धनी हैं। बहुत लिखते हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स में नियमित रूप से लिखते हैं। उनकी पत्नी भी एक बड़े अंग्रेजी अखबार की वरिष्ठ संपादक हैं।
उधर, करात की पत्नी वृंदा करात भी माकपा की पोलित ब्यूरो में हैं। बता दें कि वृंदा करात और एनडीटीवी प्रमुख प्रणव राय की पत्नी राधिका राय बहनें हैं। बहरहाल, एक बात साफ है कि अब तो माकपा राम के नाम पर ही चलेगी।