CDS बिपिन रावत के बयान पर सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी को घेरा, पूछा- क्या सेना चला रही ऐसे कैंप ?
नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के बयान पर मोदी सरकार से सफाई मांगी है। सीताराम येचुरी ने बिपिन रावत के उस बयान पर निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कश्मीर में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर का जिक्र किया था। सीपीआई (एम) महासचिव ने कहा कि घरेलू राजनीति में अब सेना के कमांडर घुस रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
पीएम मोदी से मांगी सफाई
रविवार को मीडिया से बात करते हुए सीताराम येचुरी कहा, हमारी सेंट्रल कमिटी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के विवादास्पद बयान पर चर्चा की। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम युवाओं-बच्चों को, खासकर कश्मीर में चरमपंथ की तरफ बढ़ने से रोकने की जरूरत है। सीताराम येचुरी इसके लिए कैंप होने की बात भी कही। उन्होंने आगे कहा, हम चाहते हैं कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर सफाई दे और देश को बताए कि ऐसे कैंप हैं या नहीं। अगर ऐसे कैंप हैं तो क्या सेना इसे चला रही है?
Sitaram Yechury, CPI (M): We ask the Modi government to come clean and tell the country whether these camps exist or not. If they exist, is the Army running them? This sort of instrument is the biggest one that has been used globally against minorities. (2/2) https://t.co/FEjRcngah8
— ANI (@ANI) January 19, 2020
एनपीआर का करें विरोध: येचुरी
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर भी घेरा है। उन्होंने विरोधी पार्टियों से अपील की है कि वह नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) का भी विरोध करें। सीताराम येचुरी ने कहा कि हम उन सभी मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करते हैं जिन्होंने कहा है कि हम अपने राज्यों में एनपीआर लागू नहीं होने देंगे कि वे एनपीआर के लिए भी ऐसा ही करें, अपने राज्य में एनपीआर न होने दें।
बिपिन रावत का बयान
दरअसल एक कार्यक्रम में सीडीएस बिपिन रावत ने आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर कहा था कि हमें आतंकवाद से लड़ने के लिए अमेरिका जैसी रणनीति पर अमल करना चाहिए। जब तक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश हैं, तब तक हमें इस खतरे का सामना करते रहना होगा। इसके अलावा रावत ने कहा था, 'जो लोग पूरी तरह कट्टर बन चुके हैं, उनसे काम शुरू कराना होगा। उन्हें कट्टरता के खिलाफ कार्यक्रमों में शामिल करना होगा। जम्मू-कश्मीर में लोगों को कट्टर बनाया गया, 12 साल के लड़के-लड़कियों को भी कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इन लोगों को धीरे-धीरे कट्टरता से दूर किया जा सकता है। इसके लिए डीरैडिकलाइजेशन कैंप बनाना होगा।'
यह भी पढ़ें: Video: मध्य प्रदेश में CAA के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान डिप्टी कलेक्टर पर हुआ हमला