केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने संसद में कहा-सीता आस्था का मामला है, उनके होने का कोई सुबूत नहीं
केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने राज्यसभा में कहा कि सीता आस्था का मामला है और उनके होने का कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद नहीं है।
नई दिल्ली। केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने राज्यसभा में कहा कि सीता आस्था का मामला है और उनके होने का कोई भी ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद नहीं है। महेश शर्मा के इस बयान पर विपक्ष उनपर हमलावर हो गया और कहा कि भाजपा नेता का यह तर्क की यह आस्था का विषय है और उनके होने का कोई ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध नहीं है तो यह बात सीता के पति और हिंदू भगवान राम पर भी लागू होती है। आपको बताते चले कि रामायण के प्रमुख पात्र राम और सीता ही है और हिंदुओं में भगवान राम को खूब माना जाता है।
इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि राम मेरे भगवान हैं और केंद्रीय मंत्री के जवाब से भी मेरी आस्था को चोट पहुंची है। केंद्रीय मंत्री के इस जवाब की मैं आलोचना करता हूं। जनता दल यूनाइटेड के सांसद अनिल कुमार साहनी ने सीता और महिलाओं की इज्जत न करने का आरोप लगाते हुए सरकार से माफी मांगने को कहा है।
आपको बताते चलें कि केंद्रीय मंत्री राज्यसभा में इस बात का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार के पास कोई ऐतिहासिक सुबूत है जिससे पता चल सके कि रामायण की प्रमुख पात्र सीता का वजूद था कि नहीं। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि आपकी सरकार आज यहां राम आंदोलन के जरिए पहुंची है और आज आप कह रहे हैं कि सीता आस्था का विषय है। केंद्रीय मंत्री ने अपने बयान के स्पष्टीकरण में कहा कि उनके जवाब का गलत मतलब निकाला गया है।