विवेक तिवारी मर्डर केस: सना को लेकर घटनास्थल पर पहुंची एसआईटी, पूरा सीन किया रिक्रिएट
विवेक तिवारी मर्डर केस: सना को लेकर घटनास्थल पर पहुंची एसआईटी, पूरा सीन किया रिक्रिएट
लखनऊ। लखनऊ में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड की जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने मंगलवार को एक बार फिर से घटनास्थाल पर पहुंची है। एसआईटी की टीम मंगलवार को मामले की चश्मदीद सना और विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी को लेकर घटनास्थल पर पहुंची और यहां घटना का पूरा सीन दोबारा से किया, जो शुक्रवार रात को हुआ था। आईजी रेंज (लखनऊ) सुजीत पांडे ने बताया कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट, बेलिस्टिक टीम और दूसरी टीमों के साथ स्पॉट पर क्राइम सीन रीक्रिएट किया।
मामले की चश्मदीद हैं सना
विवेक तिवारी के साथ शुक्रवार रात को सना भी थीं। गोमतीनगर में सड़क पर जहां शुक्रवार को हादसा हुआ था, वहां मंगलवार को एसआईटी सना को लेकर पहुंची। यहां गाड़ी लाई गई और बाइक पर दो पुलिसकर्मियों को भी लाया गया। किस तरह गाड़ी को रुकने को कहा गया फिर क्या हुआ गोली कैसी चली। ये सब फिर से किया गया। दरअसल, एसआईटी सीन को रिक्रिएट कर दोनों पक्षों के दावों के परखना चाहती है। मामले में सना और आरोपी पुलिसवालों के दावों में काफी फर्क है।
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सना ने पुलिस पर लगाए हैं गंभीर आरोप
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में आधी रात को दफ्तर से अपने घर लौट रहे एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में उनकी पूर्व सहकर्मी सना खान ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सना का कहना है कि हमारे ऑफिस में उस रात आईफोन की लॉन्चिंग थी और पूर्व कर्मचारी होने के चलते मैं भी उस इवेंट में गई थी। कार्यक्रम में पुराने साथियों से बातचीत हुई और बातें करते-करते ज्यादा समय हो गया तो विवेक सर मुझे अपनी गाड़ी से घर छोड़ने निकले।
सना बताती हैं कि रात के करीब एक बजे का समय होगा, हम गोमतीनगर में सरयू अपार्टमेंट के पास गाड़ी रोककर और शीशे खोलकर बातें कर रहे थे। इसी दौरान बाइक पर गश्त कर रहे पुलिस के दो सिपाही वहां पहुंचे और नाम-पता जानने के बाद हमसे पूछा कि इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो? इस दौरान एक सिपाही ने हमसे गाली देकर बात की, जिसपर विवेक सर ने विरोध करते हुए गाड़ी पीछे की और जाने लगे। तभी एक सिपाही ने अपनी पिस्टल निकालकर और डिवाइडर पर खड़े होकर विवेक सर को गोली मार दी।
सना बोलीं, मुझ पर दबाव बनाया गया
सना ने आरोप लगाया कि घटना के वक्त वो बेहद घबराई हुई थी जिसकी वजह से उस पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। वारदात के बाद जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो उन्होंने विवेक तिवारी को अस्पताल भेज दिया, लेकिन उसे एक गाड़ी में करीब दो घंटे तक इधर-उधर घुमाते रहे। सना ने आरोप लगाया कि जिस समय पुलिस टीम उसे गाड़ी में ले जा रही थी उस समय जब उसने अपने परिजनों से बात करने के लिए फोन मांगा तो पुलिस टीम ने उसे फोन नहीं दिया।
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