5 साल से रची जा रही थी गौरी लंकेश की हत्या की साजिश, चार्जशीट में खुलासा
बेंगलुरु। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने शहर की एक अदालत में एडिशनल चार्जशीट दायर कर दी है। इस चार्जशीट में हिंदूवादी संगठन सनातन संस्था के करीब 18 लोगों को आरोपी बनाया गया है। 9235 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है कि सनातन संस्थान के अंदर ही एक नेटवर्क ने गौरी लंकेश की हत्या की है। उन्होंने बिना किसी रंजिश के इस हत्याकांड को अंजाम दिया। इसके लिए पांच साल से साजिश रची जा रही थी।
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9235 पन्नों की चार्जशीट दाखिल
एसआईटी ने शुक्रवार को प्रिंसिपल सिविल और सेशंस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। पूरे मामले पर विशेष लोक अभियोजक एस बालन ने बताया कि मृतक और हत्यारे के बीच निजी या कोई दूसरी रंजिश नहीं थी। उन्हें इसलिए मारा गया क्योंकि वह एक खास विचारधारा को मानती थीं, उसके बारे बोलती और लिखती थीं। हत्या के पीछे एक विचारधारा और संस्था का हाथ है। एसआईटी ने कोर्ट से इस मामले में जांच आगे भी जारी रखने की इजाजत मांगी है।
चार्जशीट में 18 आरोपियों के नाम
बता दें कि गौरी लंकेश हत्याकांड पर एसआईटी ने मई में पहली चार्जशीट दायर की थी। इसमें 18 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें शूटर परशुराम वाघमारे, मास्टरमाइंट अमोल काले, सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण और अमित देगवेकर शामिल हैं। इसी गैंग पर बुद्धिजीवियों एम एम कलबुर्गी, नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या में शामिल होने का भी संदेह है।
बिना किसी रंजिश के मर्डर केस को दिया गया अंजाम
कन्नड़ पत्रकार 55 वर्षीय गौरी लंकेश की पिछले साल पांच सितंबर को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर पूरे देश में गुस्सा देखने को मिला था। जिसके बाद कर्नाटक की तत्कालीन सिद्धारमैया सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था।
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