सिक्किम के पैकयोंग में एयरपोर्ट कैसे बढ़ा सकता है चीन की मुश्किलें
गंगटोक। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम में पैकयोंग एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। पिछले वर्ष जून में भारत और चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद के बाद इस एयरपोर्ट का ऑपरेशनल होना रणनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है। यह एयरपोर्ट चीन से सिर्फ 60 किलोमीटर दूर है और नॉर्थ ईस्ट में इस एयरपोर्ट के आने से कहीं न कहीं भारत को एक मनौवैज्ञानिक फायदा हुआ है। इस एयरपोर्ट का उद्घाटन ऐसे समय में हुआ है जब कुछ माह पहले सिक्किम को लेकर चीन की तरफ से भारत को चेतावनी दी जा चुकी है।
आईएएफ के एयरक्राफ्ट की लैंडिंग
पैकयोंग एयरपोर्ट सिक्किम का इकलौता एयरपोर्ट है जो ऑपरेशनल है। अभी तक सिक्किम के करीब बागडोगरा से ही फ्लाइट ली जा सकती थी। बागडोगरा से पैकयोंग पहुंचने में पांच घंटे का समय लगता है। इसके अलावा इसके भूटान के पारो एयरपोर्ट से भी यहां पहुंचा जा सकता है। इस एयरपोर्ट के लिए प्रोजेक्ट की नींव अक्टूबर 2008 में रखी गई थी। न सिर्फ सिविल एविएशन बल्कि इसे मिलिट्री के लिए भी प्रयोग किया जाएगा। पांच मार्च 2018 को यहां पर इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के डॉर्नियर एयरक्राफ्ट ने लैंडिंग की थी। पैकयोंग से गैंगटोक तक की दूरी करीब 30 किलोमीटर है और गंगटोक से चीन बॉर्डर तक पहुंचने में छह घंटे का समय लगता है। पैकयोंग से डोकलाम तक की दूरी सिर्फ 60 किलोमीटर दूर है। ऐसे में यहां पर एयरपोर्ट होने से चीन पर निगरानी काफी आसान हो सकती है।
बढ़ सकता है मिलिट्री मूवमेंट
इस वर्ष जुलाई में ही चीन की तरफ से भारत को धमकी दी गई थी कि वह सिक्किम से दूर रहे नहीं तो चीन, सिक्किम पर अपना अधिकार जताने के लिए स्वतंत्र है। चीन के मीडिया की ओर से दावा किया गया था कि चीन ने हमेशा ही इस मुद्दे पर समझौता किया है लेकिन भारत की तरफ से कोई भी नकारात्मक कदम ठीक नहीं होगा। चीन के अखबार में लिखे एक आर्टिकल में लिखा था कि साल 2003 में भारत ने सिक्किम को अपने कब्जे में लिया था। चीन इस बात को मानता है लेकिन इस मुद्दे पर वह अपना रुख बदलने में देर नहीं लगाएगा। पैकयोंग में एक बार यह एयरपोर्ट ऑपरेट होने के बाद सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के अलावा मिलिट्री मूवमेंट भी शुरू होने में देर नहीं लगेगी। ऐसे में कहीं न कहीं यह बात चीन को परेशान कर सकती है।
नॉर्थ ईस्ट में सभी लैंडिंग ग्राउंड ऑपरेशनल
नॉर्थ ईस्ट में खासतौर पर, अरुणाचल प्रदेश में आईएएफ सभी एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) को ऑपरेशनल करने को रेडी है। इस वर्ष के अंत तक अरुणाचल प्रदेश सभी सात, एएलजी को ऑपरेशनल करने की योजना है। आईएएफ के सिर्फ तवांग को छोड़कर इस वर्ष दिसंबर तक सभी एएलजी को ऑपरेट कर दिया जाएगा। भारत की तरफ से जब-जब एएलजी को ऑपरेशनल किया गया है, चीन की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। अब जबकि डोकलाम से सिर्फ 60 किलोमीटर की दूरी पर एयरपोर्ट ऑपरेशनल हुआ तो चीन खामोश है। अभी तक इस मसले पर चीन की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन माना जा रहा है कि चीन जल्द ही इस पर बयान जारी कर सकता है। पिछले वर्ष जून से अगस्त तक डोकलाम में करीब 72 दिन भारत और चीन की सेनाएं एक निर्माण कार्य की वजह से आमने-सामने थीं।