पाकिस्तान जाने वाले जत्थों में अविवाहित महिलाओं और क्लीन शेव युवकों को मौका नहीं, सिख धार्मिक समूहों ने लिया फैसला
अमृतसर। तीर्थयात्रा के लिए पाकिस्तान जाने वाले सिख जत्थे को लेकर सिखों के धार्मिक समूहों ने अहम फैसला लिया है। इस फैसले में ये तय किया गया है कि आने वाले दिनों में तीर्थयात्रा के लिए पाकिस्तान जाने वाले जत्थे में 15 से 50 वर्ष की उम्र की अविवाहित महिलाओं और क्लीन शेव युवकों को शामिल नहीं किया जाएगा। टीओआई के मुताबिक ये फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि पिछली बार गए एक सिख जत्थे में एक महिला और एक युवक ने नियम तोड़ दिए थे।
सिख समूहों ने लिया अहम फैसला
दरअसल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) सिख जत्था जो इस साल अप्रैल में बैसाखी का जश्न मनाने के लिए पाकिस्तान गया था। उस समय इस जत्थे से एक महिला ने पाकिस्तान के लाहौर में एक शख्स से शादी कर ली। इससे पहले इस महिला ने इस्लाम भी स्वीकार कर लिया था। वहीं जत्थे में गया 24 वर्षीय शख्स अमरजीत सिंह भी इस दौरान अचानक ही गायब हो गया था, जिसे बाद में वापस भारत भेजा गया।
पाकिस्तान में जत्थे से बिछड़ने वाले अमरजीत सिंह
इन दो मामलों के सामने आने के बाद सिखों के धार्मिक समूहों ने इस मुद्दे पर बैठक की, इस पर फैसला लिया। इस बैठक में जो सिख समूह शामिल हुए उनमें ननकाना साहिब सिख तीर्थ यात्री जत्था, भाई मर्दाना यादगारी कीर्तन दरबार सोसाइटी, सैन मियां मीर इंटरनेशनल फाउंडेशन, हरियाणा गुरधाम कमेटी, खालरा मिशन कमिटी और जम्मू-कश्मीर सिख यात्रा कमेटी अहम हैं।
अमरजीत सिंह को बाद में वापस भारत भेजा गया
ननकाना साहिब सिख तीर्थ यात्री जत्था के अध्यक्ष स्वर्ण सिंह गिल ने टीओआई से बातचीत में बताया कि 8 जून को गुरु अर्जन देव के शहीद दिवस पर दो सिख जत्थे पाकिस्तान जा रहे हैं। इसी महीने में महाराजा रंजीत सिंह की पुण्यतिथि भी है। पाकिस्तान के शरणार्थी संपत्ति ट्रस्ट बोर्ड ने हमें पहले बता दिया है कि एक भी अविवाहित महिला और गैर-सिखों को जत्थे में शामिल नहीं किया जाए। उनकी इस मांग के बाद ही हमने ऐसा फैसला लिया है।