मुंबई के सिखों ने अलग मैरिज एक्ट 'सिख आनंद मैरेज एक्ट' की मांग की
सिख समुदाय के लिए अलग मैरेज एक्ट 'सिख आनंद मैरेज एक्ट' को संसद ने पास कर दिया है। इसको राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई है
नई दिल्ली। सिख समुदाय के लिए अलग मैरेज एक्ट 'सिख आनंद मैरेज एक्ट' को दिल्ली में लागू करने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसी बीच मुंबई में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों ने भी अपने लिए अलग मैरिज एक्ट की मांग की है। श्री गुरु सिंह सभा मुंबई के वाइस प्रेसिडेंट कुलवंत सिंह ने कहा है ' हम दिल्ली और अमृतसर में सिखों के लिए अलग मैरिज एक्ट की मांग को समर्थन दे रहे हैं। ठीक वैसा ही मैरिज एक्ट महाराष्ट्र सरकार को भी लागू करना चाहिए।'
दिल्ली और मुंबई के सिखों को होगी दिक्कत
कुलवंत सिंह ने कहा कि अगर मुंबई को कोई सिख लड़का दिल्ली की सिख लड़की से शादी करना चाहता है तो दोनों को दिक्कत होगी। इसलिए जरूरी है को दिल्ली की तरह ही महाराष्ट्र में सिखों के लिए अलग मैरिज एक्ट लागू किया जाय। आपको बता दें कि अभी तक सिख समुदाय की शादी का रजिस्ट्रेशन हिंदू विवाह एक्ट के तहत होता रहा है।
'सिख आनंद मैरेज एक्ट' को संसद ने पास कर दिया है
सिख समुदाय के लिए अलग मैरेज एक्ट 'सिख आनंद मैरेज एक्ट' को संसद ने पास कर दिया है। इसको राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई है। वर्ष 2014 में इस एक्ट को लागू करने की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी, जिसके बाद से सभी राज्यों को अपने यहां इस एक्ट को लागू करना है। 'सिख आनंद मैरेज एक्ट' झारखंड में लागू किया जा चुका है।
हरियाणा और पंजाब में लागू है 'सिख आनंद मैरेज एक्ट'
सिखों के लिए अलग मैरेज एक्ट की मांग सबसे पहले वर्ष 1909 में पहली बार उठी थी। इसके बाद एक्ट बनवाने तथा पास करवाने के लिए लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.एम.सी.) के जनरल सेक्रेटरी मनजिंदर सिंह सिरसा ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वह इस एक्ट लागू करने का मामला अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा मुख्य सचिवों के समक्ष उठा रहे हैं और उनको पत्र भी लिख चुके हैं। उन्होंने बताया था कि उन्होंने असम के मुख्यमंत्री श्री सरबनंदा सोनवाल के साथ मुलाकात की थी, जिन्होंने उनको भरोसा दिलाया था कि एक्ट असम में जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा व पंजाब में यह पहले ही लागू हो चुका है।
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