अकाल तख्त प्रमुख ने की आरएसएस पर बैन की मांग, लगाया ये आरोप
चंडीगढ़। सिख संगठन अकाल तख्त के प्रमुख ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। सोमवार को तख्त प्रमुख ने कहा, आरएसएस जिस तरह से काम कर रहा है, इससे तो ये साफ है कि वह देश को बांट देगा। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हां इसपर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आरएसएस जो कुछ भी कर रहा है, वह देश में भेदभाव की लकीर खींच रहा है। जो आरएसएस के नेता बयान देते हैं, वह देश के हित में नहीं हैं।' मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब उन्हें बताया गया कि सत्तारूढ़ बीजेपी तो खुद आरएसएस को मानती है। इसपर उन्होंने कहा कि 'अगर ऐसा है तो यह देश के लिए ठीक नहीं है। यह देश को नुकसान पहुंचाएगा और उसे बर्बाद कर देगा।'
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि जब सिख धर्म गुरुओं और आरएसएस की विचारधाराओं के बीच ऐसा मतभेद देखने को मिल रहा है। बीते हफ्ते शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) प्रमुख गोविंद सिंह लोंगवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवन के 'हिंदू राष्ट्र' वाले बयान की निंदा की थी। ये बयान मोहन भागवत ने दशहरे के मौके पर एक कार्यक्रम के दौरान दिया था।
बीते बुधवार समिति द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया था, 'एसजीपीसी प्रमुख आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर आपत्ति जताते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं क्योंकि ये एक हिंदू राष्ट्र है।' एसजीपीसी को सिख संसद के रूप में भी जाना जाता है, जो समुदाय से जुड़े सभी गुरुद्वारों और धार्मिक मुद्दों का प्रबंधन करती है। इसके पदाधिकारियों को सिख मतदाताओं द्वारा वोट दिया जाता है।
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