Good News: अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, लेकिन तकनीकी मंदी की चपेट में है देश
नई दिल्ली। कोरोना महामारी प्रेरित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में ठप हुए उद्योग-धंधों के बीच शुक्रवार को भारतीय अर्थव्यवस्था में पहली बार सुधार के संकेत मिले हैं, लेकिन दूसरी तिमाही में सुधार के संकेत के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था तकनीकी मंदी की चपेट में जाता दिख रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही महामारी की चपेट में रही, लेकिन दूसरी तिमाही में जीडीपी में -7.5 फीसदी की गिरावट रही। हालांकि पहली तिमाही में जीडीपी में यह गिरावट -23.9 फीसदी रही थी।
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गौरतलब है करीब दो महीने के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद मई के अंत में भारत में आर्थिक गतिविधियां शुरू हुईं, जिसके बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आनी शुरू हो गई थी, लेकिन 1996 के बाद एक बार फिर देश में तकनीकी मंदी की आहट के संकेत मिले हैं आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि जुलाई-सितंबर की इस तिमाही के आंकड़े आशंकाओं की तुलना में बेहतर परिणाम दिए हैं। विश्लेषकों ने जीडीपी में -8.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान था, लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार के चलते पूरे वित्तीय वर्ष में आर्थिक विकास दर अब -8.7 रहने की उम्मीद है।
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हालांकि अगर महामारी को अलग कर दिया जाए, तो यह पिछले चार दशकों से सबसे बुरा आर्थिक प्रदर्शन होगा। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-2022 यानी अप्रैल 2021 के बाद उपभोक्ताओं की मांग में दोबारा तेजी के साथ अर्थव्यवस्था फिर रफ्तार पकड़ सकती है, जिससे वाहन बिक्री, माल ढुलाईऔर गैर टिकाऊ वस्तुओं के क्षेत्र में उपभोक्ताओं की मांग में तेजी आने का अनुमान है। इसके अलावा त्योहारी सीजन का अच्छा असर भी तीसरी तिमाही के नतीजों पर दिख सकता है। वहीं, सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत तीसरे पैकेज की घोषणा भी तीसरी तिमाही पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
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