बाल ठाकरे की पुण्यतिथि: महाराष्ट्र की बदल रही राजनीति के संकेत, पहली बार हुआ ऐसा
नई दिल्ली- महाराष्ट्र की राजनीति पूरी तरह से बदलती नजर आ रही है। शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की सातवीं पुण्यतिथि पर इसके संकेत साफ दिखाई दिए हैं। जहां पहली बार बाल ठाकरे की कट्टर सियासी विरोधी पार्टियां कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है तो इसके ठीक उलट बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित करने की कोशिश भी की है तो उन्हें इस मौके पर भी कटाक्ष का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी की जिद पर अड़ी शिवसेना, अब उन पार्टियों से हाथ मिला चुकी है जिसके खिलाफ पिछले चुनाव में वह लड़कर आई है। ऐसे में आने वाले वक्त में महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ और बड़े बदलाव दिखने की संभावना है।
बदलती सियासत के मिल रहे संकेत
शिवसेना के संस्थापक और कभी महाराष्ट्र की राजनीति के एक अलग केंद्र के रूप में अपनी पहचान रखने वाले बालासाहेब को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार सुबह से ही शिवसैनिकों का तांता लगा रहा। मुंबई के शिवाजी पार्क स्थित शिवतीर्थ में अपने दिग्गज नेता को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के लिए लिए पूरे महाराष्ट्र से कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा था। पूर्व शिवसेना सुप्रीमो को श्रद्धांजलि देने के लिए सीनियर ठाकरे के बेटे एवं पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, अपनी पत्नि रश्मि ठाकरे और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ उपस्थित हुए थे। उनकी उपस्थिति में ही दूसरी पार्टियों के नेता भी पहुंचे और पूर्व शिवसेना प्रमुख को श्रद्धांजलि दी। लेकिन, यहां पहली बार कुछ ऐसा हुआ जो अबतक नहीं देखा गया था।
पहली बार एनसीपी-कांग्रेस नेताओं ने भी दी श्रद्धांजलि
रविवार का कार्यक्रम सबसे अलग इस मायने में रहा कि पहली बार कांग्रेस और एनसीपी के नेता भी शिवसेना के संस्थापक को श्रद्धांजलि देने पहुंच गए। इनमें एनसपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल और जीतेंद्र आह्वाड भी शामिल हैं, जिन्होंने शिवतीर्थ पहुंचकर ठाकरे को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर भुजबल अपने पूर्व नेता को याद कर भावनात्मक होते हुए भी देखे गए और उस दौर का जिक्र किया जब वे बाल ठाकरे के साथ राजनीति में थे। भाई जगताप समेत कांग्रेस के नेताओं ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी और महाराष्ट्र और यहां की जनता के लिए की गई उनकी सेवाओं के लिए उन्हें याद किया। उधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पुणे से ही उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें मराठी मानूस की बात करने वाले एक साहसिक नेता के रूप में याद किया।
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फडणवीस के सामने शिवसैनिकों ने लगाए नारे
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले ट्वीटर के जरिए पूर्व शिवसेना सुप्रीमो को याद किया था फिर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शिवाजी पार्क भी पहुंच गए। उनके साथ उनके मंत्रिमंडल के पू्र्व सदस्य विनोद तावड़े और पंकजा मुंडे ने भी बालासाहेब को श्रद्धांजलि दी। हालांकि, बीजेपी के नेता शिवतीर्थ के भीतर नहीं गए, जहां उद्धव ठाकरे और शिवसेना के दूसरे नेता पहले से ही मौजूद थे। जब, फडणवीस श्रद्धांजलि देकर तुरंत लौटने लगे तो शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करके उनपर तंज कसने की कोशिश की। वे विधानसभा चुनाव में फडणवीस के मराठी में लगने वाले 'मैं वापस आऊंगा (मुख्यमंत्री के तौर पर)' के नारे लगा रहे थे। हालांकि, फडणवीस बिना कोई प्रतिक्रिया दिए वहां से निकल गए। इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने बालासाहेब का एक विडियो ट्वीट कर लिखा था- "बालासाहेब ने हमें आत्म-सम्मान का महत्त्व सिखाया।" वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बताकर अपनी ओर से उनका विनम्र अभिवादन किया।
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