RSS में बदलाव: मार्च में बदल जाएगी 'संघ' की टीम, ये बन सकते हैं नए महासचिव
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मार्च में होने वाली वार्षिक बैठक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में कुछ बड़े बदलाव किए जाने की संभावना है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ की फैसले लेने वाली सर्वोच्च बॉ़डी है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के कुछ शीर्ष पदाधिकारियों और उनके कामकाज में बदलाव होने वाला है। बताया जा रहा है कि इसका असर भाजपा संगठन पर भी पड़ेगा। भाजपा में नए संगठन महामंत्री की नियुक्ति की चर्चा हो रही है। यह बैठक नागपुर में होनी है।
सुरेश भैय्याजी जोशी मार्च में पद छोड़ सकते हैं
संघसंचालक को संघ के निवर्तमान प्रमुख नामांकित करते हैं। जो दिन-प्रतिदिन कामकाज के साथ असंबद्ध रहता है और राजनीतिक, नैतिक दार्शनिक और गाइड के रूप में कार्य करता है। आरएसएस के मौजूदा सरकार्यवाह (राष्ट्रीय महासचिव) सुरेश भैय्याजी जोशी मार्च में होने वाले अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की बैठक में पद छोड़ने की घोषणा कर सकते हैं। 2009 में जब केएस सुदर्शन ने मोहन भागवत को संघसंचालक बनाया था तभी उन्हें संघ के अंदर का दूसरा सबसे पावरफुल सौंपा था। भागवत नौ साल तक सरकार्यवाह रहे।
दत्तात्रेय होसबोले को सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा
एबीपीएस आरएसएस में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है। मार्च के दूसरे सप्ताह में नागपुर में इसकी बैठक होने की संभावना है। सुरेश भैयाजी जोशी को मार्च 2015 में तीन साल के तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था, जो इस साल मार्च में खत्म हो रहा है। पहले कहा जा रहा था कि संघ प्रमुख मोहन भागवत उनको एक और कार्यकाल के लिए रखना चाहते हैं। अब इस पद के लिए आरएसएस के सह-सरकार्यवाह (संयुक्त महासचिव) दत्तात्रेय होसबोले को सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वह भैय्याजी जोशी के साथ लंबे समय से काम करते रहे हैं।
दत्तात्रेय होसाबले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माने जाते हैं
दत्तात्रेय होसाबले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है या यह कहा जाता है कि दोनों के बीच तालमेल अच्छा है। पहले कृष्ण गोपाल को सरकार्यवाह बनाने की चर्चा हुई थी। लंबी माथापच्ची के बाद कहा जा रहा है कि कर्नाटक से नया चेहरा सामने आ सकता है। आरएसएस नेतृत्व में बदलाव के साथ इससे जुड़े अन्य संगठनों में भी परिवर्तन की उम्मीद है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा में संगठन महामंत्री के पद में बदलाव हो सकता है। मौजूदा संगठन महामंत्री रामलाल को किसी संवैधानिक पद पर भेजा जा सकता है या उनकी संघ में वापसी हो सकती है।