सिद्धू को मिला अध्यक्ष पद तो सचिन पायलट का छलका दर्द, बोले- मेहनत के हिसाब से रिवार्ड सबको तो दें!
जयपुर, 22 जुलाई। कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। पंजाब के इस फेरबदल के बाद माना जा रहा है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह के बीच की तल्खियां दूर होंगी। पंजाब सीएम और सिद्धू के बीच संबंध ठीक होने के बाद माना जा रहा है कि राजस्थान में भी कांग्रेस सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच दूरियों को कम करने के लिए कुछ न कुछ प्रयास करेगी। अब राजस्थान में उप मुख्यमंत्री उप-मुख्यमंत्री और पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट भी अपने पद को वापस लेने की कोशिश करेंगे।
बता दें उपमुख्यमंत्री पद और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद से सचिन पायलट नाराज चल रहे हैं। सचिन पायलट ने एक बयान दिया हैं और कहा है कि मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को कम से कम सम्मान तो दे!
टोंक विधायक सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए ये बात कही। उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा जब राजस्थान में हमारी सरकार बनी तो हमारे मुद्दे अलग थे। अब हम चाह रहे हैं कि 2023 में हमें जनता का पिछले चुनाव से अधिक आर्शीवाद मिले। राजस्थान में सरकार होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी पहले 50 और बाद में 20 सीटों पर आई। इस मुद्दे पर पार्टी से बात की है। मैं कांग्रेस का 6 साल से अधिक अध्यक्ष रहा तब कार्यकर्ताओं ने अपनी जेब से पैसे खर्च करे। बूथों पर लाठियां भी खाईं और उनके खिलाफ कार्रवाई हुई, पार्टी भले ही उन्हें बड़े पद न दें कम से कम उन्हें सम्मान तो दे।
बता दें राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने में सचिन पायलट का बड़ा था। उन्होंने चप्पे-चप्पे में जाकर कांग्रेस को मजबूत किया और वहां वसुंधरा राजे से सत्ता कांग्रेस को दिलवाई। जब चुनाव हुआ तो ये ही कहा जा रहा था कि सचिन पायलट ही मुख्यमंत्री पद संभालेंगे लेकिन जीत मिलने के बाद भी उनको जिताने वाली जनता चाहती थी कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बने लेकिन अंत में गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया गया।
कांग्रेस ने ये कहते हुए अशोक गहलोत को सीएम की कुर्सी दी क्योंकि वो अनुभवी थे और उस समय कांग्रेस महासचिव व राहुल गांधी की टीम में थे। वहीं सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया लेकिन सचिन पायलट और गहलोत के बीच शुरूआत से ही छत्तीस का आंकड़ा रहा और आखिरकार कुछ मुद्दों पर सचिन पायलट ने उपमुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया।