भारी बारिश के बाद पानी ही पानी: तमिलनाडु ने मुल्लापेरियार बांध के गेट खोले, केरल में इडुक्की हाई अलर्ट पर
चेन्ने। दक्षिण भारतीय राज्यों तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश के बीच बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तमिलनाडु सरकार ने आज केरल से गुजरती पेरियार नदी के ऊपरी इलाकों में स्थित मुल्लापेरियार बांध के 2 गेट खुलवा दिए हैं, ऐसा बांध का दवाब कम करने के लिए किया गया। 2 गेट खुलने पर अतिरिक्त पानी अब निचले इलाकों की ओर से बढ़ रहा है..जिसके चलते केरल में इडुक्की जलाशय को अधिकारियों ने हाई अलर्ट पर रखा है। जानकारों के मुताबिक, मुल्लापेरियार बांध के नीचे रहने वाले कम से कम 3,000 लोगों को एहतियात के तौर पर निकाला गया है। वहीं, शुक्रवार सुबह सात बजे बांध के गेट खुलने के बाद से कई घर पानी में डूब गए, हालांकि अभी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।

बता दें कि, केरल के जल संसाधन मंत्री रोशी ऑगस्टाइन ने बीते रोज ही पानी की वजह से मुश्किल हालत पैदा होने की बात कही थी। उन्होंने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगों से यह भी कहा कि, "घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि, मुल्लापेरियार के 12.758 टीएमसी की तुलना में इडुक्की जलाशय की भंडारण क्षमता 70.5 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी) है और इसलिए, वहां से छोड़ा गया पानी केवल पूर्व के स्तर को एक चौथाई फुट बढ़ाएगा।" मुल्लापेरियार बांध 1895 में केरल के इडुक्की जिले में पेरियार नदी पर बनाया गया था। मंत्री ने कहा, "इसलिए, इडुक्की मुल्लापेरियार से छोड़े गए पानी को रोकने में सक्षम होगा।,"

आज सुबह मुल्लापेरियार बांध के जल स्तर में वृद्धि होने पर केरल के जल संसाधन मंत्री रोशी ऑगस्टीन और राजस्व मंत्री के राजन की मौजूदगी में उसके दो शटर खोल दिए गए। बताया गया कि, मुल्लापेरियार बांध से पानी का स्तर 138 फीट बनाए रखने के लिए ये पानी छोड़ा जा रहा है और यह दो घंटे में इडुक्की जलाशय में पहुंच जाएगा। मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि, अगर जरूरत पड़ी तो दबाव कम करने के लिए इडुक्की बांध भी खोला जा सकता है। वहीं, प्रभावित होने वाले जिन लोगों को इलाके से निकाला गया है उन्हें शिविरों में ले जाया गया है।
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यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने भी देखा। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केरल और तमिलनाडु सरकारों से मुल्लापेरियार बांध में उचित जल स्तर के संबंध में पर्यवेक्षी समिति द्वारा लिए गए निर्णय का पालन करने को कहा। पर्यवेक्षी समिति ने मुल्लापेरियार बांध का जल स्तर 139.5 फीट बनाए रखने की सिफारिश की। इस बीच, केरल में डैम प्रबंधन वाले अधिकारी उस स्थिति का संज्ञान ले रहे हैं, जो मूसलाधार बारिश से उत्पन्न हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, अभी कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इस महीने की शुरुआत में केरल में भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में 42 लोगों की मौत हो गई थी।