कश्मीर घाटी में अलगाववादियों ने बुलाया बंद, चप्पे-चप्पे पर तैनात भारी सुरक्षाबल, परीक्षाओं को टाला गया
कुलगाम। कश्मीर घाटी में आज अलगाववादी नेताओं की ओर से बंद बुलाया गया है। रविवार को कुलगाम में हुए एनकाउंटर के दौरान धमाका हुआ था और इस ब्लास्ट में सात नागरिकों की मौत हो गई थी। यह बंद इन नागरिकों की मौत के विरोध में ही बुलाया गया है। इस ब्लास्ट में 40 लोग घायल भी हो गए थे और इसके बाद जमकर हिंसा हुई थी। बंद के चलते घाटी में सभी स्कूल बंद हैं और परीक्षाओं को आगे के लिए बढ़ा दिया गया है। ट्रेन सेवाओं को भी सस्पेंड कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर भारी सुरक्षाबल भी तैनात कर दिया गया है।
मारे गए थे तीन आतंकी भी
रविवार को हुए एनकाउंटर में सेना और सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को भी मार गिराया था। एनकाउंटर के बाद इसी जगह पर पड़े खोखे में ब्लास्ट हुआ और तब तक सुरक्षाबल यहां से जा चुके थे। इस एनकाउंटर के दौरान गांववालों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसा हुई और इसमें कई लोग घायल भी हुए थे। स्थानीय नागरिकों और अलगाववादियों ने ब्लास्ट के लिए सुरक्षाबलों को दोषी ठहराया है। पुलिस अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि ब्लास्ट के दौरान किस प्रकार के विस्फोटकों का प्रयोग हुआ था। शुरुआती जांच की मानें तो ऐसा हो सकता है कि यह कोई प्रॉपेल्ड ग्रेनेड हो या फिर ऑपरेशन के दौरान प्रयोग हुए किसी मोर्टार का खोखा हो। सुरक्षाबलों ने घर से एक राइफल और दो पिस्तौल बरामद कीं लेकिन यहां पड़े टुकड़ों को साफ नहीं किया जिसकी वजह से शेल में ब्लास्ट हो गया। पुलिस के मुताबिक ब्लास्ट के बाद तुरंत आग लग गई और स्थानीय नागरिक आग बुझाने के लिए घर की तरफ भागे।
सुरक्षाबलों की लापरवाही को दिया गया दोष
एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से यह बात मानी गई है कि इलाके की सही तरह से सफाई नहीं की थी और न ही उन शेल्स को डि-फ्यूज किया जिनमें ब्लास्ट नहीं हुआ था। इस अधिकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों की ओर से लोगों को घर की तरफ न जाने को कहा गया था लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी और जिस समय ब्लास्ट हुआ वे सभी लोग वहीं पर मौजूद थे। ऑफिसर का कहना है कि यह सेना और सुरक्षाबलों की जिम्मेदारी है कि इलाके की सफाई ठीक तरह से की जाए और सुरक्षाबलों के जाने के बाद मुठभेड़ वाली जगह को सुरक्षित बनाया जाए। फिलहाल सभी पक्षों को ध्यान में रखकर इसकी जांच की जा रही है। सात लोगों की मौत के बाद इस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि कहीं एनकाउंटर के दौरान जरूरत से ज्यादा गोलीबारी तो नहीं की गई थी। एनकाउंटर के समय सुरक्षाबल मोर्टार शेल्स, रॉकेट और इस तरह के कई ऐसे तत्वों का प्रयोग करते हैं जिनकी मदद से आतंकी जिस घर में छिपे हैं, उसे नष्ट किया जा सके। राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार और डीजीपी दिलबाग सिंह की ओर से सात लोगों की मौत पर शोक जताया गया था।