दिल्ली के सरकारी स्कूलों के खराब प्री बोर्ड रिजल्ट के बाद चार शिक्षकों को जारी हुआ नोटिस
नई दिल्ली। दिल्ली के तमाम स्कूलों में जहां प्री बोर्ड की परीक्षा का परिणाम खराब रहा है, वहां के शिक्षकों की अब मुश्किल बढ़ने लगी है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि परिणाम आने के बाद एक-एक जगह की विवेचना की जाए और जिन स्कूलों में पास फीसदी कम है उनके शिक्षको को नोटिस जारी किया जाए। शिक्षामंत्री के इस पत्र के बाद सरकारी स्कूल के चार शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।
31.5 फीसदी रिजल्ट
जिन शिक्षकों को यह नोटिस जारी गई है वह गणिथ, प्रकृति विज्ञान, इतिहास और अंग्रेजी के शिक्षक हैं, ये सभी गवर्नमेंट ब्वॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बेला रोड के हैं। इन सभी शिक्षकों को नोटिस जारी करके कहा गया है कि तीन दिन के भीतर इस बात की जानकारी दें कि बच्चों का परीक्षा परिणाम इतना खराब क्यों आया है। मनीष सिसोदिया ने यह पत्र शुक्रवार को जारी किया था। दरअसल सरकारी स्कूलों में 134200 छात्रों का प्री बोर्ड परीक्षा परिणाम 31.5 फीसदी था, जोकि बहुत मुश्किल से पास हो सके हैं।
बच्चे अभ्यास नहीं करते
पत्र को एजेकेशन डेप्युटि डायरेक्टर की ओर से जारी किया गया था, जिसमे कहा गया था कि ऐसा देखा जा रहा है कि कक्षा, 9, 10, 11 व 12 के छात्रों का प्री बोर्ड में परिणाम काफी निराशाजनक रहा है, मुश्किल से ही बच्चे मिड टर्म परीक्षा में पास हो सके हैं। नई दिल्ली के सेंट्रल जोन में मिड टर्म परीक्षा में पास फीसदी 24 फीसदी था, जबकि प्री बोर्ड परीक्षा में यह फीसदी 35.4 फीसदी है। गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पास फीसदी 2.53 फीसदी है। स्कूल के वाइस प्रिंसिपल महेंद्र पाल सिंह का कहना है कि पास फीसदी कम होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि गणित को अनिवार्य कर दिया गया है, शिक्षक काफी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन समस्या बच्चों के साथ है, वो अभ्यास नहीं करते हैं। हमारा फोकस इस बात पर रहता है कि उनका पाठ्यक्रम पूरा कराया जाए। कुछ ही दिनों मे रिविजन कराया जाएगा, हमे इस बात का पूरा भरोसा है कि परीक्षा परिणाम बेहतर आएंगे।
सरकार की नीतियां दृष्टि रहित
आपको बता दें कि कक्षा 10 में बोर्ड परीक्षा को 2011 में फिर से लागू कर दिया गया था, बच्चो पर दबाव को कम करने के लिए लगातार बच्चो के आंकलन की व्यवस्था शुरू की गई थी। मनीष सिसोदिया ने बच्चों की परफॉर्मेंस का देखा और डेप्युटि डायरेक्टर को निर्देश दिया कि वह 10 स्कूलों की लिस्ट तैयार करें जहां का परिणाम काफी निराशाजनक रहा है, साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि इसे कैसे बेहतर किया जाए इसका भी सुझाव दें। शिक्षकों को नोटिस जारी करके कहा गया है कि आखिर क्यों आपके खिलाफ लापरवाही, जिम्मदारी सही से नहीं निभाने की वजह से कार्यवाई की जाए। वहीं सरकारी स्कूल के शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय वीर यादव का कहना है कि खराब प्रदर्शन की वजह है कि शिक्षकों की कमी, सरकारी की दृष्टि रहित नीति और गेस्ट टीचर्स में प्रेरणा की कमी, हम सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।