क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

1952 के बाद राज्यसभा का सबसे छोटा मानसून सत्र, महज 10 दिन में खत्म हुआ सेशन

Google Oneindia News

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते इस बार संसद का मानसून सत्र काफी देर से शुरू हुआ। इस बार का मानसून सत्र तकरीबन एक महीने के विलंब से शुरू हुआ था। इस पूरे सत्र के दौरान सांसदों की उपस्थिति भी काफी कम थी। पहले ही कोरोना संकट के चलते इस बार के मानसून सत्र की अवधि को काफी कम रखा गया था। जिस तरह से अलग-अलग विधेयकों को लेकर सदन में भारी हंगामा और विरोध हुआ, उसके बाद मानसून सत्र को आज खत्म कर दिया गया और सदन की कार्रवाई को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अहम बात यह है कि 1952 के बाद से राज्यसभा का यह अबतक का सबसे छोटा मानसून सत्र है।

69 मानसून सत्र

69 मानसून सत्र

अभी तक राज्यसभा में कुल 69 मानसून सत्र हो चुके हैं। जुलाई 1979 को 110वां सत्र और 187वां सत्र सिर्फ सात दिन तक ही चला और इस दौरान सात दिन ही सदन की कार्रवाई हुई। लेकिन इस बार राज्यसभा में कुल 10 दिन की कार्रवाई चली और कोरोना के चलते अधिकतर सांसद सदन की कार्रवाई में अनुपस्थित रहे। राज्यसभा सचिवालय की ओर से 1952 से लेकर 2018 तक के जो आंकड़े मुहैया कराए गए हैं उसके अनुसार अभी तक कुल 252 सत्र हुए हैं, जिसमे 111वां सत्र 20 जून 1979 का सबसे छोटा था और सिर्फ एक दिन ही सदन की कार्रवाई चली थी।

Recommended Video

Labour Reforms Bill 2020: श्रम सुधार के 3 Bill Rajya Sabha से पास, विपक्ष का विरोध | वनइंडिया हिंदी
एक दिन चला था सत्र

एक दिन चला था सत्र

वर्ष 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चरण सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और आपात काल के बाद गठबंधन की जनता पार्टी सरकार गिर गई ती। राज्यसभा के 69 वें माननसून सत्र की कार्रवाई महज तीन दिन ही चलीर जबकि इस बार के मानसून सत्र में राज्यसभा की कार्रवाई 10 दिन तक चली। अभी तक का सबसे लंबा राज्यसभा में मानसून त्र 89वां सत्र था जोकि 974 में जुलाई से लेकर सितंबर तक चला था, इस दौरान 40 दिन सदन की कार्रवाई चली थी।

अक्टूबर तक चलना था सत्र

अक्टूबर तक चलना था सत्र

कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के मद्देनजर आज राज्यसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही को निर्धारित समय से पहले ही खत्म कर दिया गया है। बता दें कि पहले राज्यसभा की कार्यवाही एक अक्टूबर तक चलने वाली थी। उधर, कृषि बिलों पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसदों ने आज राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा कि वे विपक्षी पार्टी के सांसदों की अनुपस्थिति में राज्यसभा में तीन श्रम संबंधी विधेयकों को पारित न करें। लेकिन कार्यवाही खत्म होने तक श्रम सुधार से जुड़े विधेयकों को पास कर दिया गया।

राष्ट्रपति से मुलाकात

राष्ट्रपति से मुलाकात

आज शाम 5 बजे विपक्षी दलों को पांच नेता कृषि बिलों पर पुनर्विचार करने को लेकर राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने कहा कि केवल पांच विपक्षी नेताओं को कोविड -19 प्रोटोकॉल के कारण मिलने की अनुमति दी गई है। इससे पहले विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था। गौरतलब है कि रविवार को दो कृषि विधेयक पास होने के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया था कि वह इन दोनों प्रस्तावित कानूनो पर हस्ताक्षर नहीं करें।

इसे भी पढ़ें- बिल पास करके सरकार ने आधी कर दी गुजरात उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सदस्यों की संख्याइसे भी पढ़ें- बिल पास करके सरकार ने आधी कर दी गुजरात उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सदस्यों की संख्या

Comments
English summary
Shortest Monsoon session of Rajya Sabha since 1952 makes a new record.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X