90 के दशक के बाद आतंकियों के सफाए के लिए कश्मीर में सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन
शोपियां के 20 गांवों के बाहर 4,000 सैनिकों का पहरा लेकिन गांवों वालों की मदद से भाग निकला लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जुनैद मट्टू। 18 वर्ष का जुनैद बन चुका है बड़ी चुनौती।
श्रीनगर। गुरुवार को भारतीय सेना ने अपना सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन साउथ कश्मीर के शोपियां में चलाया है। सेना का यह ऑपरेशन 90 के दशक के बाद शुरू हुआ सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन है जिसमें 3,000 सेना के और 1,000 जवान सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के शामिल हैं। यह ऑपरेशन साउथ कश्मीर से आतंकियों को खदेड़ने के लिए शुरू किया गया है।
30 आतंकी शोपियां में मौजूद
शोपियां के 20 गांवों में सुरक्षाबल के जवान घर-घर जाकर तलाशी कर रहे हैं और इन गांवों में स्थित बगीचों की भी तलाश हो रही है। शोपियां जिले के तहत आने वाले हीफ, सुगान, छिलीपोरा, मलंद, तुर्का वानगाम और दूसरे कुछ गांवों के नागरिकों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान सेना पर पत्थर बरसाए। इन गांवों में बड़े पैमान पर हिंसा हुई जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। दो युवाओं को श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जिनकी आंख में चोट लगी थी। सर्च ऑपरेशन के दौरान 62 राष्ट्रपति राइफल्स की पेट्रोल टीम पर उस समय हमला हुआ जब वह इमामसाहिब गांव से वापस लौट रही थी। एक सीनियर इंटेलीजेंस ऑफिसर की मानें तो 30 आतंकवादी शोपियां के बगीचों में घूम रहे हैं। इनका वीडियो पिछले दिनों आया था और आते ही वायरल हो गया था। इस वीडियो के बाद ही सर्च ऑपरेशन चलाने का फैसला किया गया।
भाग निकला लश्कर का आतंकी जुनैद
सुरक्षाबलों ने कुलगाम के खुदवानी जिले में भी घेराबंदी की हुई थी। उन्हें इंटेलीजेंस मिली थी कि यहां पर लश्कर-ए-तैयबा के कुछ आतंकी छिपे हुए हैं जिनमें कमांडर जुनैद मट्टू भी शामिल था। लेकिन गांवों वालों की मदद और पत्थरबाजी की आड़ लेकर लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर 18 वर्ष का आतंकी जुनैद मट्टू भाग निकला है। मट्टू को दिसंबर 2016 में लश्कर ने साउथ कश्मीर में अपना कमांडर बनाया था। उसे लश्कर के आतंकी माजिद जरगर के बाद कमांडर बनाने का ऐलान लश्कर की ओर से किया गया था। जरगर को दिसंबर में कुलगाम में दो और पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ एनकाउंटर में मार गिराया गया था। एक इंटेलीजेंस ऑफिसर की मानें तो पिछले एक दशक में शोपियां में चलाया गया सर्च ऑपरेशन अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है। इस ऑपरेशन में सेना की 1, 62, 44 और 55 राष्ट्रीय राइफल्स के अलावा सीआरपीएफ की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और 114वीं बटालियन शामिल हैं।