शोपियां घटना: आतंकियों से डरे पुलिसकर्मी, तीन SPO की हत्या के बाद 4 जवानों ने दिए इस्तीफे
शोपियां। आतंकियों ने साउथ कश्मीर के शोपियां से अगवा तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी है। इस घटना के बाद राज्य पुलिस के चार जवान अब तक इस्तीफा दे चुके हैं। इन जवानों ने वीडियो जारी कर अपने इस्तीफे का ऐलान किया है। साफ है आतंकियों के मंसूबों के सामने जवानों का डर बढ़ता जा रहा है। तीन हफ्ते पहले ही जम्मू कश्मीर पुलिस के 11 रिश्तेदारों को साउथ कश्मीर से अगवा किया गया था। हालांकि पुलिस की ओर से कार्रवाई के बाद उन्हें रिहा भी कर दिया गया था। पुलिस ने हिजबुल के आतंकी रियाज नाइकू के पिता को हिरासत में लिया था और तब जाकर कहीं रिश्तेदार रिहा हो सके थे। हालांकि पुलिस की कार्रवाई का कुछ लोगों ने विरोध भी किया था।
रियाज नाइकू ने ली जिम्मेदारी
इस्तीफा देने वालों में शोपियां में रहने वाले वह एसपीओ भी शामिल हैं जिन्होंनें छह वर्ष पुलिस डिपार्टमेंट में बिताए हैं। जिन एसपीओ ने इस्तीफा दिया है उनके नाम हैं शब्बीर अहमद, इरशाद बाबा, तजमुल और नवाज अहमद। शोपियां में मारे गए पुलिसकर्मियों की हत्या की जिम्मेदार रियाज नाइकू ने ही ली है। मारे गए सभी तीनों पुलिसकर्मियों का गोलियों से छलनी शव उनके गांव के करीब मिला है। इस हफ्ते हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों की ओर से एक वीडियो जारी किया गया था। इस वीडियो में आतंकियों ने धमकी दी थी कि पुलिसकर्मी या तो ऑनलाइन अपने इस्तीफें सौपें या फिर मरने के लिए तैयार रहें। गृह मंत्रालय की ओर से कश्मीर के कई गांवों में इस वीडियो के फैलने के बाद परेशान हो गया था। यह वीडियो कुलगाम में लांस नायक मलिक की हत्या के बाद सामने आया था। शुक्रवार तड़के हिजबुल आतंकियों ने चार पुलिसकर्मियों को उनके घर से अगवा कर लिया था। इन सभी को शोपियां के कापरान गांव से अगवा किया था, राज्य की पुलिस की ओर से इस बात की पुष्टि कर दी गई है। गृह मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो आतंकियों ने एक पुलिसकर्मी को छोड़ दिया है। आतंकियों की ओर से लगातार पुलिस वालों को उनका पद छोड़ने की धमकी दी थी। आतंकियों की ओर से कहा गया था कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो फिर उन्हें अंजाम भुगतने को तैयार रहना होगा।
घर में घुसकर हो रहे हमले
गृह मंत्रालय की मानें तो आतंकियों पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है क्योंकि उनकी हर बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया गया है। घाटी में विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी की घटनाओं में भी कमी आ रही है। इसलिए ही आतंकी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं जो गुस्सा बढ़ाने वाली हैं। वे पुलिसकर्मियों को उनके घरों से अगवा करके निशाना बना रहे हैं। मार्च, अप्रैल, जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर, इन माह में आतंकियों ने कभी सेना के जवानों तो कभी एसपीओ की हत्या को अंजाम दिया है। जून में सेना के जवान औरंगजेब की हत्या हुई तो जुलाई और फिर अगस्त में एसपीओ को निशाना बनाया गया। चार दिन पहले ही आतंकियों ने कुलगाम में टेरिटोरियल आर्मी के जवान की हत्या कर दी थी। लांस नायक मुख्तार अहमद मलिक कुलगाम में अपने बेटे की अंतिम संस्कार के लिए घर आए हुए थे, जब आतंकियों ने उन्हें अपना निशाना बनाया। मलिक के बेटे की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
Soon after killing of three @JmuKmrPolice cops , one SPO from shopian who worked in the department for 6 years resigned . #shopian #JammuAndKashmir pic.twitter.com/UdzjXKBj0s
— سلیم قادری (@SaleemQadri_) September 21, 2018