Shopian Firing Case: 30 जुलाई को मेजर आदित्य पर दर्ज एफआईआर पर आएगा सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट 30 जुलाई को शोपियां फायरिंग केस में अहम फैसला ले सकता है। इस केस में आरोपी बनाए गए मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 30 जुलाई को शोपियां फायरिंग केस में अहम फैसला ले सकता है। इस केस में आरोपी बनाए गए मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल कर्मवीर सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। ले.कर्नल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने बेटे के खिलाफ जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से याचिका को खारिज करने की मांग की थी। शोपियां में जनवरी माह में सेना की ओर से विरोध प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को काबू में करने के लिए फायरिंग की गई थी। इसमें तीन नागरिकों की मौत हो गई थी और इस केस में जम्मू कश्मीर पुलिस ने 10 गढ़वाल के मेजर आदित्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
पिता ने बताई वजह क्यों चलानी पड़ी बेटे को गोली
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी माह में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस दिया गया था और उनसे दो हफ्तों के अंदर मामले पर अपना रुख इस पर साफ करने को कहा गया था। इस फैसले की एक कॉपी को अटॉर्नी जनरल के ऑफिस में देने को भी कहा गया था। मेजर आदित्य के पिता ले.कर्नल सिंह की याचिका में कहा गया है कि 27 जनवरी को हुई इस घटना में फयरिंग करने का मकसद आतंकियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई से भीड़ को दूर रखना था ताकि ज्यादा नुकसान न होने पाए। इस फायरिंग के बाद जो एफआईआर पुलिस की ओर से दर्ज की गई है वह उनके बेटे के मौलिक अधिकारों का हनन करने वाली है। पिता की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया था कि मेजर आदित्य के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज की गई है उस पर कोई भी अनिवार्य एक्शन नहीं लिया जाएगा। ले.कर्नल सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि इस तरह की एफआईआर से उन सैनिकों के मनोबल पर नकरात्मक असर पड़ता है जो खराब हालातों में अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे हैं और देश के लिए अपनी जान गंवा रहे हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस ने मेजर आदित्य और उनकी यूनिट के खिलाफ धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की है।