शोपियां एनकाउंटर: मार्च का टारगेट पूरा करने के बाद इंडियन आर्मी अप्रैल में कश्मीर घाटी से आतंकियों को खदेड़ने को तैयार
रविवार को इंडियन आर्मी, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से हाल के वर्षों के सबसे बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। सेना ने इस ऑपरेशन में 12 आतंकियों को मार गिराया। हालांकि इस ऑपरेशन में सेना को अपने तीन जवानों की शहादत का सामना भी करना पड़ा।
श्रीनगर। रविवार को इंडियन आर्मी, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से हाल के वर्षों के सबसे बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। सेना ने इस ऑपरेशन में 12 आतंकियों को मार गिराया। हालांकि इस ऑपरेशन में सेना को अपने तीन जवानों की शहादत का सामना भी करना पड़ा। सेना के लिए यह ऑपरेशन कई मायनों में काफी खास था क्योंकि इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकी घाटी में बड़ी आतंकी साजिशों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। यह एनकाउंटर इसलिए और भी सबसे बड़ा और खास ऑपरेशन बन गया क्योंकि सेना ने लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की शहादत का बदला भी आतंकियों को मारकर लिया। लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की पिछले वर्ष मई में आतंकियों ने बेदर्दी से हत्या कर दी थी। मार्च में अपना टारगेट पूरा करने के बाद अब सेना अप्रैल में अपने टारगेट को पूरा करने की ओर से नजरें जमाए है। अप्रैल में भी सेना घाटी में हर पल मुस्तैद रहेगी ताकि आतंकियों को कोई भी मौका न मिल सके।
मारे गए 11 आतंकी स्थानीय नागरिक
इस एनकाउंटर के बाद आर्मी, जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की ओर से ज्वॉइन्ट प्रेस कांफ्रेंस की गई। इस प्रेस कांफ्रेंस में जम्मू कश्मीर पुलिस के चीफ एसपी वैद ने मीडिया को जानकारी दी कि यह घाटी में चलाया गया अब तक का सबसे आक्रामक और सबसे बड़ा एनकाउंटर ऑपरेशन था। इसमें 12 आतंकी मारे गए हैं और 11 आतंकियों की पहचान हो चुकी है। एसपी वैद ने बताया कि सभी 11 आतंकी स्थानीय नागरिक थे। इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों की मानें तो जो आतंकी इस ऑपरेशन में मारे गए हैं वे घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करके यहां एक और अशांति और हिंसा की योजना बना रहे थे। साथ ही आतंकियों ने घाटी में फिर से सिर उठाने शुरू कर दिए थे और ऐसे में इन आतंकियों का खात्मा काफी अहम हो गया था।
सेना का 'स्पेशल संडे'
सेना की ओर से एनकाउंटर के बाद दावा किया गया कि यह उसके लिए 'स्पेशल संडे' था। सेना ने इस एनकाउंटर में इशहफाक अहमद मलिक और रईस ठोकर नामक दो आतंकियों को भी मार गिराया। ये दोनों आतंकी लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या में शामिल थे। साल 2010-11 के बाद से यह सेना का घाटी में चलाया गया सबसे बड़ा एनकाउंटर ऑपरेशन था। दक्षिण कश्मीर में मौजूद आतंकियों के लिए यह ऑपरेशन सबसे बड़ा झटका हैं। आपको बता दें कि दक्षिण कश्मीर को आतंकियों का गढ़ समझा जाता है और माना जाता है कि यह आतंकियों के छिपने का सबसे बड़ा इलाका है। साल 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी में आतंकवाद बड़ा रूप लेता जा रहा है। साल 2017 में जैश-ए-मोहम्मद भी घाटी में पहुंच चुका है। सेना की ओर से साल 2017 में ऑपरेशन ऑलआउट लॉन्च किया गया था। इस ऑपरेशन के तहत सेना ने 213 आतंकियों को ढेर किया था।
हिजबुल के लिए बड़ा झटका
यह एनकाउंटर पाकिस्तान स्थित हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए बड़ी असफलता भी है। सूत्रों की मानें तो इस ऑपरेशन को हिजबुल की कमर तोड़ने के लिए अंजाम दिया गया था। ऑपरेशन मे हिजबुल के टॉप कमांडर राउफ खांदे को भी सेना ने मार गिराया है और उसका मारा जाना इस ऑपरेशन की अहमियत को बताने के लिए काफी है। इस तरह के एनकाउंटर कई माह तक और जारी रह सकते हैं। इंटेलीजेंस रिपोर्ट्स की मानें तो घाटी में इस समय 215 आतंकी मौजूद हैं। एक तरफ जहां पाकिस्तान लाइन ऑफ कंट्रोल के जरिए घाटी में और आतंकियों को दाखिल कराने की फिराक में है। दूसरी ओर पाकिस्तान ने घाटी के स्थानीय नागरिकों को भी शामिल करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। सूत्रों की मानें तो स्थानीय नागरिक जो सरेंडर करने को तैयार नहीं होंगे उन्हें आने वाले दिनों में निशाना बनाया जा सकता है।
मार्च में सेना और आक्रामक
- 4मार्च- शोपियां में एक एनकाउंटर में लश्कर के दो आतंकियों के अलावा आतंकियों के मददगार चार नागरिकों को एक एनकाउंटर में सेना ने मार गिराया था।
- 12 मार्च- सेना ने दक्षिण कश्मीर में एनकाउंटर में तीन आतंकी मारे गए।
- 20,21 मार्च- कुपवाड़ा में एनकाउंटर, पांच आतंकियों का सेना ने मार गिराया।
- 23 मार्च- अनंतनाग में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों ने सेना ने मार गिराया।
- 24 मार्च-लश्कर का एक आतंकी बडगाम में ढेर।
- 28 मार्च-सुंदरबनी में चार आतंकी ढेर।