दिल्ली एयरपोर्ट पर भारतीय खिलाडि़यों संग 'आतंकियों' जैसा व्यवहार, 13 घंटे भूखे-प्यासे बैठे रहे
निशानेबाज चैन सिंह ने बताया कि एक फ्लाइट सुबह 4:30 बजे और दूसरी फ्लाइट 5:00 बजे आई थी। इसके बाद हम एयरपोर्ट से बाहर निकलने के लिए 13 घंटे तक इंतजार करते रहे।
नई दिल्ली। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक शर्मनाक घटना सामने आई। यहां भारतीय खिलाडि़यों (निशानेबाजों) के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया। कस्टम विभाग ने उनके हथियारों को 13 घंटों तक क्लीयरेंस नहीं दी जिसके चलते उन्हें भूखे-प्यारे एयरपोर्ट पर ही रहना पड़ा। इन निशानेबाजों में कई ऐसे निशानेबाज भी थे जो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ये निशानेबाज साइप्रस और पिजेन (चेक गणराज्य) से अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर स्वदेश लौटे थे।
कस्टम विभाग की इस लापरवाही और शर्मनाक करतूत पर ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) की जमकर आलोचना की है। बिंद्रा ने ट्वीट किया, ''बहुत दुख है कि राष्ट्रीय निशानेबाजी टीम को आइजीआई हवाईअड्डे पर फंसी रही क्योंकि सीमा शुल्क विभाग ने उनकी बंदूकों को मंजूरी देने से इन्कार कर दिया था। ''
Saddened to hear that the National Shooting Team is detained at The IGI Airport with the customs refusing to clear their guns. 1/3
— Abhinav Bindra (@Abhinav_Bindra) May 9, 2017
उन्होंने कहा कि आधिकारिक टीम मैनेजर ने खिलाड़ियों को इस मामले से खुद निबटने के लिये छोड़ दिया। बिंद्रा ने एनआरएआई और उसके अध्यक्ष रानिंदर सिंह को टैग करके एक अन्य ट्वीट में कहा, ''कुछ खिलाड़ियों से बात की तथा राष्ट्रीय महासंघ की तरफ से कोई मदद नहीं मिलना निराशाजनक है।''
They are our countries ambassadors and should not be treated like this. Would this ever happen to our cricket team ? 2/3
— Abhinav Bindra (@Abhinav_Bindra) May 9, 2017
उन्होंने कहा, ''वे हमारे देश के दूत है और उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए था। क्या ऐसा कभी हमारी क्रिकेट टीम के साथ होगा?''
The official team manager of the shotgun team left this morning leaving the athletes to fend for them selves.
— Abhinav Bindra (@Abhinav_Bindra) May 9, 2017
क्या था पूरा मामला?
निशानेबाज चैन सिंह ने बताया कि एक फ्लाइट सुबह 4:30 बजे और दूसरी फ्लाइट 5:00 बजे आई थी। इसके बाद हम एयरपोर्ट से बाहर निकलने के लिए 13 घंटे तक इंतजार करते रहे। कस्टम डिपार्टमेंट के अधिकारी यही कहते रहे जब तक हमारे असिस्टेंट कमिश्नर नहीं आते तब तक हम क्लियरेंस नहीं दे सकते।
हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा था जैसे कि हम कोई आतंकवादी हैं। हम देश के लिए मेडल जीतकर लौटे थे। स्वागत-सत्कार की बजाय हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया गया।' इस वजह से कई निशानेबाजों की कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी छूट गई।
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